शब्दों से संवेदना गढ़ने वाली कवयित्री, हिंदी-अंग्रेजी साहित्य की सेतु निर्माता

New Delhi, 12 जुलाई . जब शब्द संवाद से कहीं बढ़कर संवेदना बन जाए, जब भाषा किसी एक सीमित परिधि की मोहताज न रहकर वैश्विक हो जाए और जब एक स्त्री अपनी लेखनी से दो संस्कृतियों के बीच पुल बना दे, तब वह नाम लिया जाता है सुनीता जैन का. भारतीय साहित्य में 13 जुलाई … Read more

भारतीय साहित्य के ‘जनकवि’ थे बाबा नागार्जुन, लेखनी के जरिए समाज को दिया नई चेतना का स्वर

New Delhi, 29 जून . भारतीय साहित्य में बाबा नागार्जुन एक ऐसी शख्सियत हैं, जिन्होंने अपनी लेखनी से न केवल साहित्य को समृद्ध किया, बल्कि तत्कालीन समाज का आईना भी पेश किया. उनका असली नाम वैद्यनाथ मिश्र था, हिंदी साहित्य में ‘नागार्जुन’ और मैथिली में ‘यात्री’ के नाम से वह विख्यात हुए. बिहार के मधुबनी … Read more

भारतीय साहित्य के ‘जनकवि’ थे बाबा नागार्जुन, लेखनी के जरिए समाज को दिया नई चेतना का स्वर

New Delhi, 29 जून . भारतीय साहित्य में बाबा नागार्जुन एक ऐसी शख्सियत हैं, जिन्होंने अपनी लेखनी से न केवल साहित्य को समृद्ध किया, बल्कि तत्कालीन समाज का आईना भी पेश किया. उनका असली नाम वैद्यनाथ मिश्र था, हिंदी साहित्य में ‘नागार्जुन’ और मैथिली में ‘यात्री’ के नाम से वह विख्यात हुए. बिहार के मधुबनी … Read more