स्मृति शेष : जवान बेटे को खोया, गाना छोड़ा, फिर माइक थामा और गाया, ‘कहां तुम चले गए’
नई दिल्ली, 9 अक्टूबर . ज़िंदगी में ‘नमक’ दुख की तरह है, जो आपको परिपक्व बनाता है या यूं कहे ‘कंप्लीट मैन’. जगजीत सिंह की ज़िंदगी में ‘नमक’ की कोई कमी नहीं रही. हर राह पर अपने बिछड़ते रहे, जिसे ऊंगली पकड़कर चलना सिखाया, आंखों के सामने बड़ा होते देखा, वो उस दुनिया में चला … Read more