स्मृति शेष : जवान बेटे को खोया, गाना छोड़ा, फिर माइक थामा और गाया, ‘कहां तुम चले गए’

नई दिल्ली, 9 अक्टूबर . ज़िंदगी में ‘नमक’ दुख की तरह है, जो आपको परिपक्व बनाता है या यूं कहे ‘कंप्लीट मैन’. जगजीत सिंह की ज़िंदगी में ‘नमक’ की कोई कमी नहीं रही. हर राह पर अपने बिछड़ते रहे, जिसे ऊंगली पकड़कर चलना सिखाया, आंखों के सामने बड़ा होते देखा, वो उस दुनिया में चला … Read more

जन्मदिन विशेष : कैमरा, लाइट, साउंड एंड एक्शन, जग ‘दस्तूरी’ में मन ‘कस्तूरी’ खोजता अदाकार

नई दिल्ली, 5 अक्टूबर . बनारसी होना एक शब्द नहीं, संस्कार है. यही संस्कार कूट-कूट कर संजय मिश्रा में भरा है. साधारण कद-काठी और चेहरा, कैमरे के सामने असाधारण अदाकारी संजय मिश्रा को अपने दौर के कलाकारों से बेहद अलग बनाती है. बनारस में रचे-बसे संजय मिश्रा ने करियर में बुलंदियों को छुआ तो छोटे … Read more

उस्ताद विलायत खान : जिन्होंने दो बार ठुकराया पद्म विभूषण, “आफताब-ए-सितार” के नाम से जानती है दुनिया

नई दिल्ली, 28 अगस्त . शास्त्रीय संगीत की बात हो और उस्ताद विलायत खान का जिक्र न हो, ऐसा भला हो सकता है क्या? संगीत की समझ या फिर सितार पर पकड़, उनकी इस कला का हर कोई कायल था. जितना वह अपने संगीत कौशल के लिए जाने जाते थे. उतना ही अपने स्वभाव के … Read more