नई दिल्ली, 5 नवंबर . भारत में शादियों का सीजन 12 नवंबर से शुरू होकर 16 दिसंबर तक चलेगा. शादी के इस सीजन में 48 लाख शादियों से लगभग 6 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद है, जो पिछले साल 35 लाख शादियों से दर्ज 4.25 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े से 41 फीसदी अधिक है. यह जानकारी कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की एक स्टडी से सामने आई है.
पिछले वर्ष 11 शुभ तिथियों की तुलना में इस वर्ष सीजन में 18 तिथियां होंगी, जिससे व्यापार में वृद्धि होने की उम्मीद है.
कैट के अनुमानों के अनुसार अकेले दिल्ली में इस वर्ष 4.5 लाख शादियों के माध्यम से 1.5 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद है.
कैट का अनुमान है कि 10 लाख शादियों में प्रति शादी 3 लाख रुपये खर्च होंगे और 10 लाख शादियों में प्रति शादी 6 लाख रुपये खर्च होंगे.
इसी तरह 10 लाख शादियों में प्रति शादी 10 लाख रुपये खर्च होंगे और 10 लाख शादियों में प्रति शादी 15 लाख रुपये खर्च होंगे.
7 लाख शादियों में प्रति शादी 25 लाख रुपये खर्च होंगे, 50,000 शादियों में प्रति शादी 50 लाख रुपये खर्च होंगे और 50,000 शादियों में प्रति शादी 1 करोड़ रुपये या उससे अधिक खर्च होंगे.
कैट की वेद और आध्यात्मिक समिति के संयोजक आचार्य दुर्गेश तारे ने कहा कि इस सीजन के लिए शुभ विवाह तिथियां 12, 13, 17, 18, 22, 23, 25, 26, 28 और 29 नवंबर और 4, 5, 9, 10, 11, 14, 15 और 16 दिसंबर हैं. इस अवधि के बाद, जनवरी के मध्य से मार्च 2025 तक सीजन फिर से शुरू होने से पहले लगभग एक महीने का विराम होगा.
कैट के महासचिव और सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, “इस स्टडी के साथ उपभोक्ता खरीद व्यवहार में बदलाव को भी उजागर किया है, जिसमें लोग विदेशी वस्तुओं की तुलना में भारतीय उत्पादों को अधिक पसंद कर रहे हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन की सफलता को दर्शाता है.”
खंडेलवाल ने कहा कि शादी के खर्च को वस्तुओं और सेवाओं के बीच विभाजित किया जाता है, जिसमें मुख्य व्यय क्षेत्र आभूषण (15 प्रतिशत), कपड़े (10 प्रतिशत), इलेक्ट्रॉनिक्स और उपकरण (5 प्रतिशत), सूखे मेवे, मिठाई और नमकीन (5 प्रतिशत), किराने का सामान और सब्जियां (5 प्रतिशत), उपहार वस्तुएं (4 प्रतिशत) और अन्य सामान (6 प्रतिशत) हैं.
सेवा क्षेत्र में, व्यय बैंक्वेट हॉल, होटल और आयोजन स्थलों (5 प्रतिशत), खानपान सेवाओं (10 प्रतिशत), कार्यक्रम प्रबंधन, टेंट सजावट, पुष्प सज्जा, परिवहन और टैक्सी सेवाओं (3 प्रतिशत), फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी (2 प्रतिशत), संगीत और प्रकाश व्यवस्था जैसी अन्य सेवाओं पर खर्च किया जाएगा.
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एसकेटी/एएस