हैदराबाद, 24 मई . हैदराबाद पुलिस ने कथित तौर पर तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (टीजीएसआरटीसी) के नकली लोगो प्रसारित करने के कारण बीआरएस से जुड़े दो व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
टीजीएसआरटीसी के एक अधिकारी की शिकायत पर गुरुवार को चिक्कड़पल्ली पुलिस स्टेशन में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की गई.
राज्य सरकार द्वारा राज्य के संक्षिप्त नाम ‘टीएस’ को ‘टीजी’ में बदलने के निर्णय के बाद टीएसआरटीसी ने मंगलवार को अपना नाम बदलकर टीजीएसआरटीसी कर लिया.
सभी सरकारी विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और स्वायत्त निकायों को बीआरएस-काल के संक्षिप्त नाम ‘टीएस’ के स्थान पर ‘टीजी’ का उपयोग करने के लिए कहा गया था.
इससे पहले, संयुक्त आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद निगम का नाम बदलकर एपीएसआरटीसी से टीएसआरटीसी कर दिया गया था.
पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 469, 504, 505 (1) (बी) (सी) आर/डब्ल्यू 34 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 के तहत मामला दर्ज किया है.
शिकायतकर्ता अंचुरी श्रीधर ने कहा कि कोनाथम दिलीप और हरीश रेड्डी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर टीजीएसआरटीसी का लोगो पोस्ट किया, हालांकि यह निगम द्वारा जारी नहीं किया गया था. उन्होंने दावा किया कि उन्होंने जानबूझकर नकली लोगो बनाया.
शिकायतकर्ता ने यह भी कहा कि हरीश रेड्डी ने एक अपमानजनक वीडियो पोस्ट किया जो निगम और सरकार की प्रतिष्ठा के लिए हानिकारक है.
दिलीप भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की पिछली सरकार में डिजिटल मीडिया के निदेशक थे. हरीश रेड्डी भी बीआरएस समर्थक हैं.
नकली लोगो प्रसारित करने वालों ने दावा किया था कि चारमीनार और काकतीय कला थोरानम को मूल लोगो से हटा दिया गया था.
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के नेता श्रवण कुमार ने कहा था कि इस तरह के किसी भी कदम को समृद्ध विरासत का अपमान करने और लोगों की भावनाओं को आहत करने वाले सांस्कृतिक बर्बरता के अपमानजनक कृत्य के रूप में देखा जाएगा.
इस बीच, टीजीएसआरटीसी के प्रबंध निदेशक वी. सी. सज्जनर ने कहा कि सोशल मीडिया पर प्रसारित किए जा रहे लोगो में कोई सच्चाई नहीं है. उन्होंने स्पष्ट किया कि निगम ने अभी तक आधिकारिक तौर पर कोई नया लोगो जारी नहीं किया है. एमडी ने कहा कि नए लोगो को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है.
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