गंगटोक, 13 जून . सिक्किम भूटिया लेप्चा एपेक्स कमेटी (एसआईबीएलएसी) ने 18 मई को भारतीय सेना के साथ राष्ट्रीय पर्वतारोहण और साहसिक खेल संस्थान (एनआईएमएएस) द्वारा कंचनजंगा पर्वत पर चढ़ाई पर अपनी चिंता व्यक्त की है. एसआईबीएलएसी ने एक पाकिस्तानी पर्वतारोही द्वारा इसी तरह के अभियान पर भी नाराजगी व्यक्त की और इसे सिक्किम तथा देश की धार्मिक मान्यताओं और सुरक्षा हितों के लिए सीधा खतरा बताया.
एसआईबीएलएसी के महासचिव सांगे ग्यात्सो भूटिया ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पाकिस्तानी पर्वतारोही नैला कियानी 23 मई 2025 को कंचनजंगा के शिखर पर पहुंचीं, जिसे उन्होंने सिक्किम की आस्था के प्रति अत्यधिक संवेदनशील और बेहद अपमानजनक कृत्य बताया.
भूटिया ने कहा, “खांगचेंदजोंगा हमारे लिए सिर्फ एक पहाड़ नहीं है; यह हमारा संरक्षक देवता है. शिखर को पवित्र माना जाता है और अतीत में पर्वतारोहियों ने शिखर पर कदम न रखकर सम्मान दिखाया है. लेकिन इस बार हम बेहद निराश हैं. सबसे पहले 18 मई को नेपाल के एक समूह के नेतृत्व में एक अभियान चला था. फिर 23 मई को एक पाकिस्तानी नागरिक ने शिखर पर चढ़ाई की और कथित तौर पर वहां एक झंडा लगाया. यह गंभीर चिंता का विषय है.”
भूटिया ने कहा, “एसआईबीएलएसी अब इस बात को लेकर बेहद निराशावादी है कि इस मुद्दे को कैसे हैंडल किया जा रहा है. क्या राज्य और केंद्र सरकारें इस मामले को गंभीरता से ले रही हैं?”
उन्होंने कहा, “अगर सरकार गंभीर है, तो उन्हें कुछ भी असाधारण करने की जरूरत नहीं है. उन्हें बस दिल्ली में रेजिडेंट कमिश्नर को शामिल करना है और गृह मंत्रालय तथा विदेश मंत्रालय के साथ कार्रवाई करनी है.”
एसआईबीएलएसी ने यह भी अनुरोध किया है कि इस मामले को पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 के तहत कानूनी रूप से आगे बढ़ाया जाए, क्योंकि उनका मानना है कि शिखर की धार्मिक पवित्रता का उल्लंघन किया गया है.
भूटिया ने कहा, “अतीत में, हमें खुद ही ऐसे मामले लड़ने पड़े थे. हमारे संयोजक को कानूनी खर्च वहन करने के लिए अपनी जमीन बेचनी पड़ी थी. ऐसा दोबारा नहीं होना चाहिए. राज्य सरकार के पास संसाधन हैं. अगर उन्हें सिक्किम के लोगों की परवाह है, तो उन्हें अभी कार्रवाई करनी चाहिए.”
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एससीएच/एकेजे