कोलकाता, 27 अगस्त . कोलकाता के आरजी कर पीड़िता की मां पर हुए हमले के मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट में Wednesday को सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने मणिपाल अस्पताल को रिकॉर्ड पेश करने का आदेश दिया.
आरजी कर पीड़िता की मां ने आरोप लगाया था कि 9 अगस्त, 2025 को उन पर हमला किया गया, जिसमें उनकी चूड़ियां टूट गईं और उनके हाथ तथा पीठ में चोटें आईं.
आरजी कर पीड़िता की मां ने पुलिस पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, “मैंने अपनी बेटी को 9 अगस्त, 2024 को खोया और ठीक एक साल बाद मुझ पर हमला किया गया. मेरी पीठ पर मार पड़ी और मेरे हाथ भी लाल हो गए थे. घटनास्थल पर पुलिस ने ड्रोन और कैमरे भी लगाए थे, फिर भी कहते हैं कि कुछ नहीं हुआ. मैं तब तक चूड़ियां नहीं पहनूंगी जब तक मेरी बेटी को इंसाफ नहीं मिलता.”
इस बीच, State government ने कलकत्ता हाई कोर्ट में दावा किया कि उनके पास मौजूद मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता की मां को केवल माथे पर चोट लगी थी और उन्हें उसी दिन अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी.
हालांकि, वकील फिरोज ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा कि उन्हें अस्पताल से छुट्टी नहीं दी गई थी.
जस्टिस तीर्थंकर घोष ने मणिपाल अस्पताल को सभी रिकॉर्ड जमा करने का निर्देश दिया और कहा कि एक निजी अस्पताल के पास प्रवेश का कोई न कोई सबूत होगा. उन्होंने यह भी टिप्पणी की है कि प्रारंभिक जांच में कमी रही.
बता दें कि न्यू मार्केट और शेक्सपियर सारणी पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने हमले की जांच रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें कहा गया कि कोई ठोस सबूत नहीं मिला.
वहीं, कलकत्ता कोर्ट ने मणिपाल अस्पताल को सभी दस्तावेजों के साथ एक प्रतिनिधि को अगली सुनवाई में पेश करने का आदेश दिया. मामले की अगली सुनवाई Monday को होगी.
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