डब्ल्यूएचओ और आईएलओ के एक्सटर्नल ऑटिडर के रूप में कैग की वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठा बढ़ी: उपराष्ट्रपति

New Delhi, 16 नवंबर . उपPresident सीपी राधाकृष्णन ने Sunday को कहा कि अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं जैसे वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) और इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन (आईएलओ) के एक्सटर्नल ऑटिडर की भूमिका निभाने से India के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) की वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठा बढ़ी है.

राष्ट्रीय राजधानी में पांचवे ऑडिट दिवस पर लोगों को संबोधित करते हुए उपPresident ने कहा कि मौजूदा समय में कैग एशियन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ सुप्रीम ऑडिट इंस्टीट्यूशंस (एएसओएसएआई) और इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ सुप्रीम ऑडिट इंस्टीट्यूशंस (आईएनटीओएसएआई) कमेटी और आईटी ऑडिट पर बने वर्किंग ग्रुप का अध्यक्ष है, जो ऑडिटिंग स्टैंडर्ड में India की ग्लोबल लीडरशीप को साबित करता है.

यह दिखाता है कि अब India दुनिया में फॉलोअर की नहीं,बल्कि लीडर की भूमिका निभा रहा है.

अपने संबोधन में, उपPresident राधाकृष्णन ने कैग को “जनता के धन का संरक्षक” बताते हुए, सार्वजनिक धन की सुरक्षा और सुशासन को बढ़ावा देने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया.

उन्होंने 1860 में ऑडिटर जनरल के पद की स्थापना के बाद से कैग की 165 वर्षों की समर्पित सेवा विरासत की सराहना की.

उन्होंने कहा, “दुनिया भर की सर्वोच्च लेखा परीक्षा संस्थाओं का एक ही उद्देश्य है – सार्वजनिक धन की सुरक्षा और सुशासन को बढ़ावा देना. इनमें से, India का कैग सार्वजनिक जीवन में जवाबदेही, पारदर्शिता और सत्यनिष्ठा के सिद्धांतों को कायम रखते हुए गर्व से खड़ा है.”

उपPresident राधाकृष्णन ने केंद्र और राज्य Governmentों के लिए “एक राष्ट्र, एक वस्तु शीर्ष व्यय” अधिसूचित करने के लिए कैग की सराहना करते हुए कहा कि यह एक ऐसा सुधार है जो Governmentी व्यय की पारदर्शिता और तुलनात्मकता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा.

एआई, बिग डेटा, ब्लॉकचेन और मशीन लर्निंग में India की प्रगति का जिक्र करते हुए उपPresident ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि कैग ने वन इंडियन ऑडिट एंड अकाउंट्स डिपार्टमेंट (आईएएडी) वन सिस्टम, एआई-आधारित ऑडिट फ्रेमवर्क और कई अन्य उपायों जैसी पहलों के माध्यम से, प्रौद्योगिकी, पूर्वानुमान विश्लेषण और जनरेटिव एआई को सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन के डीएनए में समाहित कर दिया है.

उन्होंने डेटा साइंस, साइबर सुरक्षा और गहन शिक्षण में क्षमता निर्माण के लिए आईआईटी मद्रास जैसे प्रमुख संस्थानों के साथ साझेदारी की सराहना की. उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि डेटा-संचालित लेखा परीक्षा को बढ़ावा देते हुए, सालाना 20,000 से अधिक निरीक्षण रिपोर्टों को डिजिटाइज करने के लिए एक अनुकूलित लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) विकसित किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी अपनाने से जोखिम पहचान, दक्षता और साक्ष्य-आधारित शासन में सुधार होगा, जिससे सार्वजनिक धन का सर्वोत्तम उपयोग सुनिश्चित होगा.

एबीएस/