नई दिल्ली, 29 फरवरी . केंद्रीय मंत्रिमंडल ने घरों की छतों पर सौर ऊर्जा इकाइयां लगाने और एक करोड़ परिवारों को हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान करने के लिए 75,021 करोड़ रुपये की लागत के साथ ‘पीएम-सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना’ को गुरुवार को मंजूरी दे दी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में योजना पर मुहर लगाई गई.
एक आधिकारिक बयान में बताया गया है कि यह योजना दो किलोवाट सिस्टम के लिए सिस्टम लागत का 60 प्रतिशत और दो से तीन किलोवाट क्षमता के सिस्टम के लिए 40 प्रतिशत अतिरिक्त सिस्टम लागत की केंद्रीय वित्तीय सहायता प्रदान करती है. वित्तीय सहायता की सीमा तीन किलोवाट होगी.
मौजूदा बेंचमार्क कीमतों पर, इसका मतलब एक किलोवाट सिस्टम के लिए 30 हजार रुपये, दो किलोवाट सिस्टम के लिए 60 हजार रुपये और तीन किलोवाट या ज्यादा के सिस्टम के लिए 78 हजार रुपये की सब्सिडी मिलेगी.
परिवार राष्ट्रीय पोर्टल के माध्यम से सब्सिडी के लिए आवेदन करेंगे और छत पर सौर ऊर्जा स्थापित करने के लिए एक उपयुक्त विक्रेता का चयन करने में सक्षम होंगे. राष्ट्रीय पोर्टल उचित सिस्टम आकार, लाभ कैलकुलेटर, विक्रेता रेटिंग आदि जैसी प्रासंगिक जानकारी प्रदान करके परिवारों को उनकी निर्णय लेने की प्रक्रिया में सहायता करेगा.
तीन किलोवाट तक के आवासीय आरटीएस सिस्टम लगाने के लिए वर्तमान में लगभग सात प्रतिशत ब्याज के जमानत-मुक्त सस्ते ऋण उपलब्ध होंगे.
योजना के अन्य मुख्य आकर्षणों में ग्रामीण क्षेत्रों में रूफटॉप सोलर को अपनाने के लिए एक रोल मॉडल के रूप में कार्य करने के लिए देश के प्रत्येक जिले में एक मॉडल सौर गांव विकसित किया जा रहा है, और शहरी स्थानीय निकाय तथा पंचायती राज संस्थान भी आरटीएस स्थापना को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन से लाभान्वित हो रहे हैं.
यह योजना नवीकरणीय ऊर्जा सेवा कंपनी (आरईएससीओ) आधारित मॉडलों के लिए भुगतान सुरक्षा के लिए एक घटक के साथ-साथ आरटीएस में नवीन परियोजनाओं के लिए एक फंड प्रदान करती है.
प्रधानमंत्री द्वारा 13 फरवरी को घोषित यह योजना परिवारों को बिजली बिल बचाने के साथ-साथ डिस्कॉम को अधिशेष बिजली की बिक्री के माध्यम से अतिरिक्त आय अर्जित करने में सक्षम बनाएगी. एक तीन किलोवाट प्रणाली एक घर के लिए औसतन प्रति माह 300 से अधिक यूनिट उत्पन्न करने में सक्षम होगी.
प्रस्तावित योजना के परिणामस्वरूप आवासीय क्षेत्र में रूफटॉप सोलर के माध्यम से 30 गीगावॉट सौर क्षमता बढ़ेगी, जिससे 1000 यूनिट बिजली पैदा होगी और रूफटॉप सिस्टम के 25 साल के जीवनकाल में 72 करोड़ टन सीओ2 समकक्ष उत्सर्जन में कमी आएगी.
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अनुमान है कि यह योजना विनिर्माण, लॉजिस्टिक्स, आपूर्ति श्रृंखला, बिक्री, स्थापना, ओएंडएम और अन्य सेवाओं में लगभग 17 लाख प्रत्यक्ष रोजगार पैदा करेगी.
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