रांची, 7 जनवरी . झारखंड में डीजीपी की नियुक्ति अब हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस की अध्यक्षता में बनने वाली स्पेशल कमेटी की सिफारिश के आधार पर होगी. इससे संबंधित नियमावली पर मंगलवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में मुहर लगा दी गई.
मंजूर की गई नियमावली के अनुसार, इस कमेटी के सदस्य सचिव (मेंबर सेक्रेट्री) गृह विभाग के प्रधान सचिव या सचिव या अपर मुख्य सचिव होंगे. कमेटी के अन्य सदस्यों में राज्य के चीफ सेक्रेट्री, यूपीएससी की ओर से नॉमिनेटेड सदस्य, जेपीएससी चेयरमैन या उनकी ओर से नॉमिनेटेड एक सदस्य और सेवानिवृत्त डीजीपी शामिल होंगे.
राज्य में अब तक चली आ रही व्यवस्था के अनुसार, डीजीपी की नियुक्ति के लिए राज्य सरकार की ओर से 30 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके सबसे वरिष्ठ तीन आईपीएस के नाम का पैनल यूपीएससी को भेजा जाता था और उसकी अनुशंसा से अंतिम निर्णय होता था. अब नई नियमावली लागू होते ही यूपीएससी की भूमिका सीमित हो जाएगी.
झारखंड से पहले इस तरह की नियमावली उत्तर प्रदेश, पंजाब, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की सरकारों ने भी लागू की है. इस नियमावली में प्रावधान किया गया है कि डीजीपी के पद के लिए सामान्य रूप से दो वर्ष के लिए नियुक्ति होगी. इस पद के लिए उन्हीं आईपीएस के नाम पर विचार किया जाएगा, जिनकी सेवानिवृत्ति में कम से कम छह माह बाकी हों.
कैबिनेट सेक्रेटरी वंदना डाडेल ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में कुल नौ प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है. झारखंड विधानसभा का बजट सत्र 24 फरवरी से 27 मार्च तक आहूत करने की स्वीकृति दी गई है. प्री बजट वर्कशॉप के लिए रांची स्थित सेंट जेवियर कॉलेज की प्रोफेसर डॉ. सीमा अखौरी और उनकी टीम को नॉलेज पार्टनर बनाए जाने की स्वीकृति दी गई.
देवघर में एम्स सुविधा विस्तार के लिए झारखंड सरकार और भारत सरकार के बीच एमओयू के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट में मुहर लगाई गई. एक अन्य प्रस्ताव के अनुसार राज्य में ऊर्जा विकास निगम में एमडी और निदेशकों की नियुक्ति की नियमावली में संशोधन किया गया है.
इसके तहत निदेशक की रिटायरमेंट की उम्र सीमा 65 वर्ष करने की स्वीकृति दी गई है. निगम के वर्तमान निदेशक को 31 मार्च, 2025 तक के लिए सेवा विस्तार दिया गया है. इसके अलावा गढ़वा में विशेष न्यायालय के गठन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है.
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एसएनसी/एबीएम