कैबिनेट ने ‘महाराष्ट्र राज्य कौशल विश्वविद्यालय’ का नाम रतन टाटा के नाम पर रखने को मंजूरी दी

मुंबई, 14 अक्टूबर . महाराष्ट्र कैबिनेट ने सोमवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. कैबिनेट ने महाराष्ट्र राज्य कौशल विश्वविद्यालय (एमएसएसयू) का नाम दिवंगत रतन टाटा के नाम पर रखने को मंजूरी दे दी है.

महाराष्ट्र राज्य कौशल विश्वविद्यालय का उद्देश्य युवाओं को उच्च कौशल युक्त कर उन्हें रोजगार के लिए तैयार करना है.

यह महाराष्ट्र का पहला कौशल विश्वविद्यालय है.जहां इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट और आईटी समेत अन्य सेक्टर्स में रोजगार के लिए स्किल कोर्स कराए जाते हैं और स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग भी दी जाती है.

इसका उद्देश्य समावेशी विकास को बढ़ावा देना भी है, जिसमें युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करके उनकी आय में वृद्धि करना, आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों को कौशल विकास, रोजगार, उद्यमिता और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना तथा उद्योग को तैयार और योग्य कार्य बल प्रदान करना शामिल है.

विश्वविद्यालय के कुलपति अपूर्व पालकर ने इस कदम से खुश होकर कहा, “हमारा ध्यान एक ऐसे विश्वविद्यालय बनने पर रहेगा जो नौकरी चाहने वालों और नौकरी देने वालों, दोनों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाए.”

कैबिनेट ने ठाणे, रायगढ़ और पालघर जिलों में अधिकतर रहने वाले कृषि समुदाय के लिए एक निगम की स्थापना को मंजूरी दे दी है. यह समुदाय मुख्य रूप से मछली पालन, नमक उत्पादन और धान की खेती करने में लगा हुआ है.

इसके अलावा, राज्य कैबिनेट ने सामाजिक कार्य महाविद्यालयों में शिक्षकों के लिए करियर उन्नति योजना, दमनगंगा वन-वे गोदावरी नदी जोड़ो योजना, आष्टी लिफ्ट सिंचाई योजना के लिए संशोधित अनुमोदन, वैजापुर के शनिदेवगांव बांध के लिए प्रशासकीय मंजूरी, राज्य कृषि निगम की भूमि महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम को हस्तांतरित करने, ठाणे नगर निगम के प्रशासकीय भवन के लिए पंचपखड़ी क्षेत्र में भूमि का आवंटन और हाइब्रिड कौशल विश्वविद्यालय के लिए किडकाली में निःशुल्क भूमि आवंटित करने को मंजूरी दी है.

महाराष्ट्र में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 को भी हाल ही में कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई. इसमें पुणे मेट्रो रेल के दूसरे चरण में रेल लाइन के काम, लातूर जिले के किलारी के किसानों के सहकारी फैक्टर के ब्याज समेत ऋण माफी और संकटग्रस्त सहकारी निर्वाह सिंचाई योजनाओं के बकाया की माफी को मंजूरी दी गई.

इसके अलावा, कैबिनेट ने यूएमईडी-महाराष्ट्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एमएसआरएलएम) के लिए एक अध्ययन समूह की स्थापना को भी मंजूरी दी. यह सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत पंजीकृत एक स्वतंत्र और स्वायत्त संस्था है. इसका मिशन गरीब परिवारों को लाभकारी स्वरोजगार और कुशल मजदूरी रोजगार के अवसरों तक पहुंच प्रदान करके गरीबी को कम करना है.

एफजेड/