इजरायल: सैन्य खर्च को समर्थन देने के लिए टैक्स वृद्धि के साथ ‘बजट 2025’ को कैबिनेट की मंजूरी

यरूशलम,1 नवंबर . इजरायल की कैबिनेट ने शुक्रवार को 2025 के युद्धकालीन बजट को मंजूरी दे दी. इसमें गाजा पट्टी और लेबनान में चल रहे अभियानों के लिए सैन्य खर्च का समर्थन करने के तरीकें और टैक्स में बढ़ोतरी भी शामिल है.

607.4 बिलियन शेकेल (162 बिलियन अमेरिकी डॉलर) के बजट को अभी इजरायल की संसद नेसेट में तीन दौर की वोटिंग का सामना करना पड़ेगा. अंतिम मंजूरी जनवरी 2025 के अंत तक मिलने की उम्मीद है. हालांकि, कुछ टैक्स वृद्धि को पहले से ही अलग से मंजूरी मिलने की उम्मीद है.

वित्त मंत्री बेजेलेल स्मोट्रिच ने बजट को एक ऐसा स्थिर बजट बताया जो युद्ध की ज़रूरतों और इजरायली इकॉनोमी के सामने आने वाली महत्वपूर्ण चुनौतियों को संबोधित करता है.

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने कार्यालय से जारी एक बयान में इसे ‘युद्ध के वर्ष में एक महत्वपूर्ण, चुनौतीपूर्ण, लेकिन जरूरी बजट’ बताया.

गाजा में इजरायल के व्यापक सैन्य अभियान और लेबनान में हिजबुल्लाह के साथ एक साल से अधिक समय से चल रहे संघर्ष की वजह से सार्वजनिक वित्त से अरबों शेकेल निकाल गए हैं. इन खर्चों में युद्ध सामग्री, उपकरण, 300,000 से अधिक रिजर्व सैनिकों को बुलाना, सैनिकों और नागरिकों में घायल और विस्थापित लोगों की सहायता शामिल है.

7 अक्टूबर इजरायल में हमास के बड़े हमले के जवाब में यहूदी राष्ट्र ने फिलिस्तीनी ग्रुप के कब्जे वाली गाजा पट्टी में सैन्य अभियान शुरू किया था. हमास के हमले में करीब 1200 लोग मारे गए थे जबकि 250 से अधिक लोगों को बंधक बनाया गया था. इजरायली हमलों ने गाजा में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है और हजारों फिलिस्तीनियों की मौत हुई है.

इसके साथ ही इजरायली सेना 23 सितंबर से लेबनान पर एयर स्ट्राइक कर रही है. उसने सीमा पार एक ‘सीमित’ जमीनी अभियान भी चलाया है, जिसका उद्देश्य कथित तौर पर हिजबुल्लाह को कमजोर करना है.

इजरायली हमलों में हिजबुल्लाह के चीफ हसन नसरल्लाह समेत कई कमांडरों की मौत हो गई और उसके कई ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचा है. हालांकि लेबनानी ग्रुप भी इजरायल पर मिसाइलें दाग कर पलटवार कर रहा है.

8 अक्टूबर, 2023 को हिजबुल्लाह ने गाजा में हमास के प्रति एकजुटता जाहिर करते हुए इजरायल पर रॉकेट दागने शुरू किए थे. नवीनतम घटनाक्रम इसी संघर्ष का विस्तार है.

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