आजादी के 100वें साल तक हम दुनिया की पहली आर्थिक ताकत होंगे : चंद्रबाबू नायडू

चेन्नई, 28 मार्च . आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को चेन्नई स्थित आईआईटी, मद्रास में ‘अखिल भारतीय शोध विद्वान शिखर सम्मेलन 2025’ को संबोधित किया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगर हम सब कड़ी मेहनत करें तो आजादी के 100वें साल तक दुनिया की पहली आर्थिक ताकत बन जाएंगे.

चंद्रबाबू नायडू ने कहा, “मुझे आप सभी पर गर्व है, जिसमें छात्र और संकाय शामिल हैं. आप सभी भारत को देख रहे हैं. इसमें कोई संदेह नहीं है कि भविष्य हमारा है, कल हमारा है. आईआईटी, मद्रास एनआईआरएफ रैंकिंग में नंबर वन है. विश्व रैंकिंग में 227वें स्थान पर है. अंततः यह निकट भविष्य में 100 के अंदर आ जाएगा. वे अपने पास मौजूद हर नए विचार पर काम कर रहे हैं. आईआईटी, मद्रास ऑफ कैंपस कोर्स को भी प्रायोजित कर रहा है. यह एक ऐसी जगह है जहां हम उद्यमिता के बारे में बात कर रहे हैं. आईआईटी मद्रास में 30 प्रतिशत छात्र आंध्र प्रदेश से हैं.

उन्होंने कहा कि आज हम कोई भी उद्योग शुरू कर सकते हैं. यही सुधारों की खूबसूरती है. 1962-1990 के बीच आईआईटी से लाखों स्नातक निकले. यहां के छात्रों के पास रूस और चीन जैसे व्यापक विचार हैं. हमने 1991 में आर्थिक सुधारों को विकल्प के रूप में नहीं, बल्कि मजबूरी में शुरू किया था. मैंने कभी-कभी मजाक में कहा है, लेकिन यह एक वास्तविकता भी है कि अंग्रेजों ने सब कुछ ले लिया, लेकिन अंग्रेजी को हमारे पास छोड़ दिया. यह हमारे लिए बहुत बड़ा तोहफा है. परंपरागत रूप से हम गणित और विज्ञान में मजबूत हैं. अंग्रेजी के साथ हम और आगे बढ़े.

नोटबंदी का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नोटबंदी के समय मोदी जी ने उनसे एक रिपोर्ट देने को कहा था. उन्होंने कहा, “मैंने यूपीआई और आधार के लिए वह रिपोर्ट दे दी है. आज यूपीआई एक हकीकत बन गया है. डिजिटल करेंसी के इस्तेमाल में आगे बढ़ने पर हमें गर्व है.”

चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि पिछले 10 साल में देश की जीडीपी विकास दर दुनिया में सबसे ज्यादा रही है. साल 2026 तक हम चौथे स्थान पर आ जाएंगे और 2028 तक हम तीसरे स्थान पर पहुंच जाएंगे. अगर हम सब मिलकर मेहनत करें तो आजादी के 100वें साल तक हम दुनिया की पहली आर्थिक ताकत बन जाएंगे. अगले 25 साल तक हम युवा आबादी का लाभ उठाएंगे.

उन्होंने कहा, “अगर आप दुनिया के किसी भी पॉश इलाके में जाते हैं, तो तमिल या तेलुगु में चिल्ला सकते हैं, आपको जवाब मिलेगा. भारतीय दुनिया के किसी भी माहौल के अनुरूप खुद को ढाल सकते हैं. साल 2047 तक भारतीय समुदाय वैश्विक स्तर पर नंबर वन होगा. आज 65 फीसदी भारतीय जनरेटिंग एआई का इस्तेमाल कर रहे हैं. यह हमारे प्रौद्योगिकी उपयोग का एक उदाहरण है. 80 साल के बाद भी भारतीय अथक परिश्रम कर रहे हैं. यह हमारे लिए एक फायदा है. पूरी दुनिया में अभी कुल चार करोड़ लोग पलायन कर चुके हैं. अगर हम निकट भविष्य में 20 से 30 करोड़ पलायन कर जाते हैं तो हम कॉर्पोरेट सरकारों और सार्वजनिक सरकारों में अग्रणी बन जाएंगे. मैं भारतीयों को दुनिया भर में नंबर 1 के रूप में देखना चाहता हूं.”

पीएसके/एकेजे