बेजुबानों को घर में रखकर आप खुद पर कर रहे एहसान! रिसर्च में दावा खुशियां बढ़ती हैं

नई दिल्ली, 13 अप्रैल . अगर आपको बेजुबानों से प्यार है और उन्हें अपनी जिंदगी में शामिल करने की ख्वाहिश है, तो यह रिसर्च आपके ‘सुविचारों’ पर मुहर लगाती है. ‘सोशल इंडिकेटर्स रिसर्च’ नामक पत्रिका में प्रकाशित इस नए शोध में ‘बेशर्तिया प्यार’ का रिजल्ट सॉलिड है! स्टडी कहती है कि पालतू जानवर रखने वाले लोगों की संतुष्टि का स्तर एक से सात के पैमाने पर तीन से चार अंक तक बढ़ जाता है.

यूके में केंट विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र की प्रोफेसर डॉ. एडेलिना ग्सच्वांडनर के नेतृत्व में किए गए इस अध्ययन में पालतू जानवरों के मालिकों के व्यक्तित्व पर भी कुछ प्रकाश डाला गया है. जिसमें कहा गया है कि “जबकि बिल्ली की देखभाल करने वाले अधिक ओपन दिखाई देते हैं, कुत्ते की देखभाल करने वाले अधिक एक्सट्रोवर्ट (बहिर्मुखी), किसी भी बात पर सहमत होने वाले और कम फिक्रमंद दिखाई देते हैं.”

शोधकर्ताओं ने 2,500 ब्रिटिश घरों के डेटा का विश्लेषण किया और पाया कि एक बेजुबान का साथ साइकोलॉजी से जुड़ा होता है. ठीक उतना ही जितना कोई बोलने वाला प्राणी यानी आपका जीवन साथी या कोई और! स्टडी दावा करती है कि पालतू जानवर रखने की खुशी प्रति वर्ष अतिरिक्त 90,000 डॉलर प्राप्त करने के बराबर होती है.

शोधार्थियों ने विभिन्न अध्ययनों का भी जायजा लिया. इनसे पता चलता है कि कुत्ते के साथ समय बिताने से तनाव कम हो सकता है, आप सक्रिय रह सकते हैं और ज्यादा दिनों तक जिंदा रहते हैं. वहीं बिल्ली को सहलाने से रक्तचाप और हृदय गति सही रहती है और इनके मालिकों को हृदय रोग का जोखिम कम होता है.

लेखकों का विचार है “कुल मिलाकर, पालतू जानवरों की देखभाल करने वाले आम तौर पर अधिक खुले, कर्तव्यनिष्ठ और बहिर्मुखी दिखाई देते हैं.”

शोधार्थियों के अनुसार, “यह शोधपत्र इस सवाल का जवाब देता है कि क्या कुल मिलाकर पालतू जानवर हमारे लिए अच्छे हैं? तो इसका जवाब ‘हाँ’ है.” इसके साथ ही लेखकों ने उम्मीद जताई कि ये परिणाम पालतू जानवरों के महत्व को बताने में सफल होंगे.

केआर/