अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता जारी, किसानों और छोटे उत्पादकों का हित हमारी प्राथमिकता : विदेश मंत्री जयशंकर

New Delhi, 23 अगस्त . विदेश मंत्री (ईएएम) एस. जयशंकर ने Saturday को कहा कि भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता अभी भी जारी है, लेकिन हमारे सामने कुछ सीमाएं (रेड लाइन्स) हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप भारत पर 27 अगस्त से एडिशनल 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने जा रहे हैं, यानी देश पर कुल 50 प्रतिशत लागू हो जाएगा.

‘इकोनॉमिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फोरम 2025’ में विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया कि अमेरिका के साथ बातचीत चल रही है.

उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा, “हमारी चिंता इस बात को लेकर है कि सीमाएं मुख्य रूप से हमारे किसानों और कुछ हद तक हमारे छोटे उत्पादकों के हित से जुड़ी हैं. हम, एक सरकार के रूप में, अपने किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम इस पर पूरी तरह दृढ़ हैं. इस पर समझौता नहीं किया जा सकता.”

विदेश मंत्री ने आगे कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दुनिया और यहां तक कि अपने देश के साथ भी व्यवहार करने का तरीका पारंपरिक रूढ़िवादी तरीके से बेहद अलग है.

इससे पहले, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इसी कार्यक्रम में कहा था कि अन्य देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों के लिए व्यापार वार्ता में सरकार का दृष्टिकोण राष्ट्रीय हित और भारतीय उद्योग की प्राथमिकताओं द्वारा निर्देशित होगा.

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री ने Friday को कार्यक्रम में कहा, “मेरा हमेशा से एक स्पष्ट दृष्टिकोण रहा है. जब हम व्यापार समझौते करते हैं तो मुझे राष्ट्रीय हितों की रक्षा करनी होती है. अब हम आमतौर पर विभिन्न देशों के साथ बातचीत शुरू करने से पहले ही पूर्व-समझौते के साथ काम करते हैं. आप मेरी संवेदनशीलता का सम्मान करते हैं, मैं आपकी संवेदनशीलता का सम्मान करता हूं. दुनिया के हर देश में चिंता के कुछ क्षेत्र हैं.”

उन्होंने आगे कहा कि भारत यूरोपीय संघ के साथ नियमित रूप से बातचीत कर रहा है और तीन-चार व्यापार समझौतों पर बातचीत में तेजी ला रहा है.

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, “यूरोपीय संघ के कुछ क्षेत्र ऐसे भी हैं, जो उनके लिए बेहद संवेदनशील हैं. हम उनका सम्मान करते हैं. जैसे वे हमारे क्षेत्र का सम्मान करते हैं. इसलिए, मुझे लगता है कि व्यापार के मोर्चे पर समझौता करना मुश्किल नहीं होगा.”

केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि अमेरिका के साथ भारत के संबंध बहुत महत्वपूर्ण हैं और दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होने के नाते भारत में संभावनाओं की भरमार है.

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