भागलपुर में लिनन के कपड़ों से सालाना 100 करोड़ रुपये का कारोबार

भागलपुर, 22 मार्च . भागलपुर लिनन फैब्रिक के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभर रहा है. भागलपुर में पिछले 8-10 वर्षों में लिनन की ओर रुझान बढ़ा है. भागलपुर में लिनन का कपड़ा लेने के लिए महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर के अलावा विदेशों से भी लोग पहुंच रहे हैं. एक आंकड़े के अनुसार, लिनन के कपड़ों का सालाना कारोबार करीब 100 करोड़ रुपये का है.

लिनन फैब्रिक व्यापारी, प्रणेश राय ने न्यूज एजेंसी से बातचीत के दौरान बताया कि वह टेक्सटाइल उद्योग में काफी लंबे अरसे से हैं. रेशम का इस्तेमाल कम हो गया और इसकी डिमांड भी घट गई है. हालांकि, रेशम का कार्य खत्म नहीं हुआ है. लेकिन, मार्केट में लिनन की डिमांड है. भागलपुर और अन्य स्थानों के बीच मुख्य अंतर यह है कि हम शुद्धता पर ध्यान केंद्रित करते हैं. इसलिए, भारत के विभिन्न राज्यों से लोग यहां पर आते हैं और शुद्ध लिनन की मांग करते हैं.

लिनन के कपड़ा लेने भागलपुर पहुंचे दूसरे राज्यों के लोगों के अनुसार, भागलपुर में 100 प्रतिशत शुद्ध लिनन मिलता है. इसलिए भागलपुर से लिनन खरीदने के लिए पहुंचे हैं.

बता दें कि हाल ही में संसद सत्र के दौरान खगड़िया से सांसद राजेश वर्मा ने भागलपुर के बुनकरों की समस्या को उठाया था. सांसद ने केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह से सदन में पूछा कि बिहार का भागलपुर, जो सिल्क सिटी के नाम से देश भर में अपनी पहचान कायम किए हुए है. धीरे-धीरे भागलपुर का सिल्क उद्योग विलुप्त होता जा रहा है. वहां के बुनकरों के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है.

सांसद के सवाल पर जवाब देते हुए केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा था कि भागलपुर सिल्क सिटी के नाम से जाना जाता है. मैं विश्वास दिलाता हूं कि राज्य सरकार के साथ मिलकर केंद्र सरकार उन बुनकरों को सूत की कमी नहीं होने देगी.

डीकेएम/