भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच का मकसद व्यापार और मुनाफा: इमरान मसूद

New Delhi, 13 सितंबर . भारत-Pakistan के बीच एशिया कप क्रिकेट मैच और Union Minister गिरिराज सिंह के बयान को लेकर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.

इमरान मसूद ने क्रिकेट मैच को लेकर केंद्र Government पर निशाना साधते हुए कहा कि यह केवल खेल नहीं, बल्कि व्यापार और मुनाफे का खेल बन गया है.

इमरान मसूद ने भारत-Pakistan क्रिकेट मैच पर तंज कसते हुए कहा, “व्यापार तो हर जगह चलता रहेगा. इस Government का मकसद यही है कि उसके दोस्तों को व्यापार मिलता रहे. भारत-Pakistan की टीमें नहीं, बल्कि ऐसा लगता है जैसे दोनों देशों की सेनाएं लड़ रही हों. इस रोमांच से मोटी रकम कमाई जा रही है, क्योंकि प्रसारण से भारी मुनाफा होता है.”

उन्होंने आगे कहा, “हमारी बहनों का सिंदूर अभी धुला नहीं है, उनके आंसू सूखे भी नहीं हैं और आप मैच खेल रहे हैं. जहां सांस्कृतिक रिश्ते खत्म किए गए, वहां टीवी सीरियल बंद किए गए, लेकिन क्रिकेट का व्यापार चल रहा है.”

दूसरी ओर, केंद्रीय कपड़ा मंत्री और बेगूसराय सांसद गिरिराज सिंह के उस बयान पर इमरान मसूद ने कड़ा प्रहार किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि मुसलमान Prime Minister Narendra Modi की योजनाओं का लाभ तो लेते हैं, लेकिन उन्हें वोट नहीं देते.

इमरान मसूद ने गिरिराज सिंह के इस बयान को अज्ञानता से भरा बताते हुए कहा, “अज्ञानता ऐसी चीज है कि जिसे ज्ञान नहीं, वह कुछ भी बोलता रहता है. गिरिराज सिंह को अज्ञानता में महारत हासिल है. Government देश की होती है, किसी व्यक्ति की नहीं. देश के हर नागरिक को Governmentी योजनाओं का लाभ लेने का अधिकार है. यह गिरिराज सिंह के घर का पैसा नहीं है. Government का काम सभी नागरिकों के लिए समान अवसर प्रदान करना है, न कि धर्म या समुदाय के आधार पर भेदभाव करना.”

इमरान मसूद ने गिरिराज के फतवे संबंधी बयान पर भी पलटवार किया. उन्होंने कहा, “फतवा केवल धार्मिक मामलों पर जारी होता है. जब धार्मिक गतिविधियों में गड़बड़ी होती है, तभी मुफ्ती फतवा जारी करते हैं. गिरिराज सिंह को फतवों की कोई जानकारी नहीं. जिस धर्म में मांसाहार वर्जित है, वहां अगर कोई सनातनी मांस बांट रहा है, तो ऐसे अज्ञानी व्यक्ति की बात का क्या जवाब दिया जाए? उन्हें सनातन धर्म का ज्ञान ही नहीं. वह खुशी-खुशी मांस का ब्रांड एम्बेसडर बना हुआ है.”

एकेएस/डीएससी