नई दिल्ली, 12 नवंबर . राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बस मार्शल पिछले कई दिनों से धरना प्रर्दशन कर रहे हैं. डिमांड पक्की नौकरी की है. खफा हैं कि आम आदमी पार्टी सरकार ने जो वादा किया उसे पूरा नहीं कर रही है.
प्रदर्शनकारी बस मार्शलों ने को बताया कि उन्होंने कोरोना काल में तमाम दुश्वारियों को मात देते हुए सबसे पहले जनता के हितों और उनकी सेवा को तवज्जो दिया. लेकिन, विडंबना देखिए कि आज दिल्ली की यह सरकार इतनी संवेदनहीन हो चुकी है कि हमारी मांगों पर विचार करने की जहमत नहीं उठा रही है.
प्रदर्शनकारी मार्शल मोहम्मद शकील ने कहा, “हम एक साल से प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन, सरकार कान बंद करके बैठी हुई है. दिल्ली सरकार सिर्फ अपने मुद्दों को लेकर ही राजनीति कर रही है. हमारी मांगों पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही है. अब जब दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक हैं तो लोग वादे पर वादे कर रहे हैं. लेकिन, अभी तक इन लोगों ने अपने पुराने वादे ही पूरे नहीं किए हैं. कभी आतिशी उन्हें प्रस्ताव भेज देती हैं, तो कभी एलजी भेज देते हैं. हमें समझ नहीं आ रहा है कि क्या चल रहा है. यह लोग भूल रहे हैं कि हमने कोरोना काल में लोगों के लिए काम किया. लेकिन, आज दिल्ली सरकार यह सब भूल गई है. हमें कुछ नहीं चाहिए, हमें सिर्फ हमारी स्थायी नौकरी चाहिए. हम लोगों को सिर्फ रोजगार चाहिए. हम लोग रोजगार के लिए यहां प्रदर्शन कर रहे हैं.”
प्रदर्शनकारी सलमान ने कहा, “हमारी मांग है कि 60 साल तक हमारा रोजगार सुनिश्चित किया जाए. अगर हमारी मांगों पर विचार नहीं किया गया, तो हम हर विधानसभा क्षेत्र में जाकर विरोध प्रदर्शन करेंगे. आज यह प्रदर्शन का आगाज है. हम आगामी दिनों में प्रदर्शन को विराट स्वरूप देंगे. हम चाहते हैं कि मुख्यमंत्री हमारी बातों को सुने. लेकिन, मुख्यमंत्री हमारी मांगों पर किसी भी प्रकार का ध्यान नहीं दे रहे हैं, जिसे हम किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते हैं.”
–आईएएनएगस
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