नई दिल्ली, 26 मई . आरबीआई के उच्च लाभांश से होने वाले वृद्धिशील लाभ से कर राजस्व और नॉमिनल जीडीपी वृद्धि में संभावित कमी की भरपाई होने की उम्मीद है. सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मजबूत आरबीआई लाभांश से सिस्टम लिक्विडिटी में सुधार होने की संभावना है.
यह लगातार तीसरा वर्ष है जब वास्तविक लाभांश प्रारंभिक बजट संख्या से अधिक रहा है, जिसका मतलब जीडीपी का 0.15 प्रतिशत अतिरिक्त राजकोषीय बढ़ावा मिलना है.
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट के अनुसार, “हम वित्त वर्ष 2026 के अपने ग्रॉस एफडी/जीडीपी टारगेट को बजट अनुमान के अनुरूप 4.4 प्रतिशत पर बनाए रखते हैं.”
रिपोर्ट में कहा गया है, “हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में सुपर सरप्लस लिक्विडिटी होगी (जून में 4-4.5 ट्रिलियन रुपये की ट्रैकिंग होगी), जिसके लिए आरबीआई का 2.68 ट्रिलियन रुपए का उच्च लाभांश, करेंसी इन सर्कुलेशन (सीआईसी) में शार्प सिजनल मॉडरेशन और आरबीआई ओएमओ अहम हैं.”
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025 के लिए केंद्र को 2.68 ट्रिलियन रुपए का रिकॉर्ड लाभांश देने की घोषणा की है, जो वित्त वर्ष 2026 के केंद्रीय बजट में अनुमानित 2.1 ट्रिलियन रुपए से लगभग 28 प्रतिशत अधिक है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि वार्षिक रिपोर्ट अभी जारी होनी बाकी है, जो बैलेंस शीट में विस्तृत जानकारी प्रदान करेगी.
रिपोर्ट में बताया गया है, “हम समझते हैं कि बम्पर लाभांश की संभावना वित्त वर्ष 2025 में पिछले साल के 153 बिलियन डॉलर की तुलना में 398 बिलियन डॉलर की उच्च ग्रॉस एफएक्स सेल की वजह से है, जिसने विदेशी मुद्रा आय को बढ़ावा दिया, जी-सेक से ब्याज आय में वृद्धि की.”
रिपोर्ट में कहा गया है, “हमारा मानना है कि टर्मिनल पॉलिसी रेट 5.25 प्रतिशत तक पहुंच सकती है, जबकि सिस्टम लिक्विडिटी अभी भी वित्त वर्ष 2026 के अंत तक नेट डिमांड एंड टाइम लाइबिलिटीज (एनडीटीएल) के 0.9-1.1 प्रतिशत के सरप्लस में रहेगी.”
ट्रांसमिशन टूल्स में सुधार से रियल सेक्टर में बेहतर सुधार में मदद मिलेगी.
रिपोर्ट में कहा गया है, “हमें उम्मीद है कि कैलेंडर वर्ष 2025 के अंत तक 10 ईयर यील्ड 6.0 प्रतिशत तक कम हो जाएगी, जबकि निकट भविष्य में बुल स्टीपनिंग पूर्वाग्रह के मामले में मजबूती आने की संभावना है.”
–
एसकेटी/केआर