ब्रिटेन सितंबर में फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दे सकता है

लंदन, 30 जुलाई . ब्रिटेन की सरकार ने इजरायल से कहा है कि वह गाजा में लोगों की बदतर हालत को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए और लंबे समय तक चलने वाली शांति के लिए गंभीरता से काम करे. अगर ऐसा नहीं होता है, तो ब्रिटेन सितंबर में फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दे सकता है, ताकि दो देशों वाले समाधान (द्वि-राज्य समाधान) की संभावना को बचाया जा सके.

एक बयान में डाउनिंग स्ट्रीट ने इजरायल से अपील की कि वह संयुक्त राष्ट्र को गाजा में लोगों तक खाने-पीने की मदद पहुंचाने की अनुमति दे, युद्धविराम के लिए सहमत हो, और यह साफ करे कि वह वेस्ट बैंक (पश्चिमी तट) पर कब्जा नहीं करेगा.

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, बयान में हमास से अपील की गई है कि वह सभी बंधकों को तुरंत रिहा करे.

ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने Tuesday को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि फिलिस्तीन को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देने का फैसला कुछ शर्तों पर निर्भर करेगा. उन्होंने कहा कि ब्रिटेन की सरकार का मुख्य लक्ष्य जमीनी हालात को बदलना है और यही इस फैसले का मकसद भी है.

स्टारमर ने घोषणा के समय को लेकर कहा, “मैं इस बात को लेकर खास तौर पर चिंतित हूं कि दो-राज्य समाधान (इजरायल और फिलिस्तीन के लिए) का विचार अब धीरे-धीरे कमजोर होता जा रहा है और आज यह पहले से कहीं ज्यादा दूर नजर आता है.”

ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैमी ने Tuesday को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित एक उच्च-स्तरीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कहा, “क्षेत्र के भविष्य के लिए दो-राज्य समाधान से बेहतर कोई रास्ता नहीं है.” उन्होंने कहा कि इजरायल को अपनी सुरक्षित सीमाओं के भीतर आतंकवाद के खतरे से मुक्त होकर शांतिपूर्वक रहने का अधिकार है और फिलिस्तीनियों को भी एक स्वतंत्र देश में सम्मान और सुरक्षा के साथ, बिना किसी कब्जे के जीने का हक मिलना चाहिए.

बैठक में अपना बयान देने के बाद मीडिया से बात करते हुए लैमी ने कहा कि यह कदम हमें फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देने की दिशा में आगे बढ़ाएगा.

उन्होंने पत्रकारों से कहा, “हमने बहुत ही दुखद और डरावने दृश्य देखे हैं. पूरी दुनिया इस बात से बेहद आहत है कि मदद मांगते बच्चों पर गोली चलाई गई और उनकी जान ले ली गई.”

Saturday को नौ राजनीतिक दलों के 200 से अधिक सांसदों ने प्रधानमंत्री और विदेश सचिव को एक पत्र पर हस्ताक्षर किया, जिसमें सरकार से फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने की अपील की गई.

एसएचके/एएस