New Delhi, 17 अक्टूबर . ब्राजील के उपPresident गेराल्डो अल्कमिन ने कहा कि दुनिया को निवारक और टिकाऊ स्वास्थ्य सेवा के लिए आयुर्वेद के कालातीत ज्ञान की आवश्यकता है. वहीं, उन्होंने India के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की है.
India के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर मुलाकात की तस्वीरें पोस्ट कर लिखा, “ब्राजील के उपPresident और विकास, उद्योग, व्यापार एवं सेवा मंत्री New Delhi, 17 अक्टूबर ब्राजील के उपPresident गेराल्डो अल्कमिन से मिलकर बहुत खुशी हुई. व्यापार, निवेश, ऊर्जा, संपर्क, स्वास्थ्य और प्रौद्योगिकी में अधिक सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा हुई.”
India के आधिकारिक दौरे पर आए अल्कमिन ने आयुष मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए), New Delhi का दौरा किया. अल्कमिन ने पारंपरिक और एकीकृत स्वास्थ्य प्रणालियों को बढ़ावा देने में India के नेतृत्व की खूब सराहना की.
उन्होंने कहा, “आयुर्वेद स्वास्थ्य और ज्ञान का 5,000 साल पुराना खजाना है.” इसके साथ ही उन्होंने एआईआईए को “स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, रोगों के उपचार और समग्र दृष्टिकोण के माध्यम से शिक्षा और अनुसंधान को आगे बढ़ाने” के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा कि निवारक और स्थायी स्वास्थ्य सेवा के लिए दुनिया को आयुर्वेद के शाश्वत ज्ञान की आवश्यकता है.
ब्राजील के विकास, उद्योग, व्यापार और सेवा मंत्री अल्कमिन ने आयुर्वेद की वैश्विक प्रासंगिकता को स्वीकार किया और अपनी पीठ दर्द के लिए आयुर्वेदिक उपचार लेने की इच्छा व्यक्त की.
उन्होंने कहा, “जीवन प्रत्याशा बढ़ रही है, और आयुर्वेद जैसी प्राकृतिक एवं निवारक स्वास्थ्य प्रणालियों की मांग भी बढ़ रही है. अगर यह एक छोटी सी यात्रा न होती, तो मैं निश्चित रूप से अपने पीठ दर्द का इलाज एआईआईए में करवाता.”
बता दें, इस दौरान उपPresident अल्कमिन के साथ उनकी पत्नी मारिया लूसिया अल्कमिन और 14 अधिकारियों का एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी था. इस प्रतिनिधिमंडल में India में ब्राजील के राजदूत केनेथ नोब्रेगा और ब्राजीलियाई स्वास्थ्य नियामक एजेंसी के निदेशक रोमिसन रोड्रिग्स और अन्य वरिष्ठ प्रतिनिधि शामिल थे.
उपPresident और उनके प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए, आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने पारंपरिक चिकित्सा, एकीकृत स्वास्थ्य अनुसंधान और कल्याण उद्योगों के क्षेत्र में India और ब्राजील के बीच अधिक सहयोग का आग्रह किया.
उपPresident और उनके प्रतिनिधिमंडल को आयुर्वेद शिक्षा, नैदानिक सेवाओं और उन्नत अनुसंधान में एआईआईए के अग्रणी योगदान की भी जानकारी दी गई.
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केके/एएस