बीपीएससी के छात्रों को न्याय मिलना चाहिए : सपा नेता जूही सिंह

लखनऊ, 6 जनवरी . गांधी मैदान में धरना देने के आरोप में पटना पुलिस ने जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर और उनके समर्थकों को गिरफ्तार किया है. वह अपने कार्यकर्ताओं के साथ बीपीएससी परीक्षा में धांधली और शिक्षा व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे थे. प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) नेता जूही सिंह ने से बात की.

उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ”बीपीएससी के छात्रों को न्याय मिलना चाहिए. वह दोबारा परीक्षा चाहते हैं, सरकार ने उनसे वादा भी किया है. वह धरने पर इसलिए बैठे हैं ताकि परीक्षा दोबारा की जाए, इस तरह के आंदोलन का कोई राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए. बाकी धरना प्रदर्शन में सरकार ऐसे एक्‍शन लेती रहती है इससे आंदोलनकारियों को फर्क नहीं पड़ता है हम चाहते हैं कि नियुक्ति पूरी की जाएं.”

वहीं बसपा नेता आकाश आनंद के बयान पर पलटवार करते हुए सपा नेत्री ने कहा, “द्रौपदी पर टिप्पणी, बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर पर टिप्पणी, आकाश आनंद को जमीन पर उतरना चाहिए. लोगों से बात करें, लोगों की समस्याओं को समझें. नेता केवल भाषण और बयान से नहीं बनते. नेता जनता के बीच काम करने से बनते हैं.”

वहीं रमेश बिधूड़ी द्वारा दी गई टिप्पणी पर बोलते हुए जूही सिंह ने कहा, ”यह बेहद ही गलत टिप्पणी है. महिलाओं पर जो भी व्यक्ति इस तरह की टिप्पणी करता है और जनप्रतिनिधि बनना चाहता है, तो महिलाओं को उनको कोई वोट नहीं देना चाहिए. यह एक तरह का माइंडसेट है और क्‍या आपके पास कोई और मुद्दे नहीं हैं? क्या आप किसी महिला को माध्यम बनाकर टिप्पणी कर रहे हैं?”

राहुल गांधी ने कहा है कि निजीकरण गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की गारंटी नहीं देता, इस पर बोलते हुए नेत्री ने कहा, ”शिक्षा में हमारा बजट बेहद कम है. शिक्षा पर बजट बढ़ाने के लिए निरंतर कहा जा रहा है खर्च भी नहीं हो पाता है निजीकरण होगा तो शिक्षा ही खत्म हो जाएगी जो भाजपा चाहती है.”

उन्होंने आगे कहा, ”महंगे स्कूलों में हमारे गांव के बच्चे कहां जा पाएंगे. हमारी न्यूनतम आमदनी इतनी कम है. ऐसे में सरकार को स्कूलों की गुणवत्ता बढ़ाने की जरूरत है. सरकारी स्कूलों में अध्यापक रखें, उनके मापदंड बढ़ाएं, निजी स्कूलों में पढ़ने से ही क्या केवल बच्चा बुद्धिमान हो जाता है, बहुत सारे लोग जो आज उच्च पदों पर हैं वह सरकारी स्कूलों से पढ़कर वहां पहुंचे हैं. सरकार को सोचना चाहिए कि वह सत्ता में क्यों आई है.”

एमकेएस/एएस