नई दिल्ली, 2 जनवरी . हरियाणा के भिवानी की बेटी बॉक्सर नीतू घनघस ने एक बार फिर साबित कर दिया कि ‘म्हारी बेटी, बेटों से कम नहीं!’. नए साल की शुरुआत में ही हरियाणा के भिवानी ने गर्व का एहसास कराया है. खेल विभाग द्वारा अर्जुन अवार्ड के लिए नामांकित खिलाड़ियों में नीतू घनघस का नाम सबसे ऊपर है. इस घोषणा के बाद से भिवानी में खुशी का माहौल है. नीतू की उपलब्धियों पर हर कोई गर्व महसूस कर रहा है. नीतू को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दिल्ली में 17 जनवरी को अर्जुन अवार्ड प्रदान करेंगी.
नीतू और उनके कोच जगदीश ने इस खुशी का जश्न मनाने के बजाय, समय को और अधिक सार्थक बनाने के लिए गुरुवार को भी बॉक्सिंग रिंग में पसीना बहाया. उनका मुख्य उद्देश्य अब अगले साल होने वाले कॉमनवेल्थ व एशियन गेम्स में बेहतर प्रदर्शन करने के साथ-साथ 2028 ओलंपिक में पदक जीतना है.
अर्जुन अवार्ड मिलने के ऐलान पर नीतू ने खुशी जाहिर करते हुए अपने कोच जगदीश और परिवार का आभार व्यक्त किया. नीतू ने कहा कि मुझे काफी खुशी है कि मुझे यह खेल का सबसे बड़ा पुरस्कार अर्जुन अवार्ड मिल रहा है. यह मेरे लिए बहुत बड़ा सम्मान है और मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा. मेरे जो लक्ष्य हैं, जैसे कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 और एशियन गेम्स, इस अवार्ड से मुझे काफी आत्मविश्वास मिलेगा और तैयारी में मदद मिलेगी. इस सफलता के पीछे मेरे कोच साहब जगजीत सिंह और मेरे माता-पिता का बहुत बड़ा योगदान है, उनके समर्थन के बिना यह संभव नहीं था.
उन्होंने कहा कि मैं उनका धन्यवाद करना चाहूंगी. भिवानी बॉक्सिंग क्लब से मैं सातवीं अर्जुन अवार्ड विजेता हूं, इससे पहले हमारे क्लब से छह अर्जुन अवार्ड विजेता हो चुके हैं. यह अपने आप में एक बहुत बड़ी बात है कि क्लब से जुड़े सात खिलाड़ियों को अर्जुन अवार्ड मिल चुके हैं. अब मुझे इस अवार्ड का इंतजार है, जो 17 जनवरी को राष्ट्रपति भवन में दिया जाएगा.
नीतू के कोच जगदीश ने कहा कि हरियाणा की कविता चहल और सोनिया लाठर के बाद नीतू घनघस अर्जुन अवार्ड पाने वाली तीसरी बॉक्सिंग बेटी हैं, यह हरियाणा के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. नीतू की यह सफलता अन्य बॉक्सर बेटियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी. वहीं, भिवानी बॉक्सिंग क्लब के अध्यक्ष कमल प्रधान ने नीतू की सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि नीतू ने कठिन परिस्थितियों में खेलते हुए हरियाणा की पदक तालिका को बढ़ाया है. इस दौरान उन्होंने भरोसा जताया कि नीतू निश्चित तौर पर ओलंपिक में भी सफलता प्राप्त करेंगी.
नीतू के पिता जयभगवान ने भी अपनी बेटी की सफलता पर गर्व महसूस करते हुए कहा कि 2012 में बॉक्सर विजेंदर के ओलंपिक मेडल को देखकर नीतू ने बॉक्सिंग में कदम रखा था. मुझे पूरा विश्वास है कि वह भी 2028 ओलंपिक में विजेंदर की तरह मेडल लाएगी.
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