नई दिल्ली, 16 अक्टूबर . आतंकी संगठन ‘जैश-ए-मोहम्मद’ को लेकर लिखी गई किताब मंगलवार को लांच हो गई. इसके लेखक अभिनव पांडेय हैं. पुस्तक के विमोचन के अवसर पर जॉर्डन, लीबिया और माल्टा में भारत के पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुनायत ने से खास बातचीत की.
अनिल त्रिगुनायत ने को बताया कि ‘जैश-ए-मोहम्मद’ आतंकी संगठन है, जिसको पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान और वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई (इंटर-सर्विसेस इंटेलिजेंस) समर्थन देती है. साल 1999 के बाद से ‘जैश-ए-मोहम्मद’ बना है.
उन्होंने आगे बताया कि ‘जैश-ए-मोहम्मद’ संगठन 2001 में भारतीय संसद पर हमले में लिप्त था. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के विधानसभा सदन में हुए हमले में भी इसका हाथ था. ऐसे में यह बहुत ही खतरनाक समूह है और इसकी ताकत सिर्फ इस बात पर है कि इसको पाकिस्तान की सरकार मदद करती आई है, जिसमें कोई शक की बात नहीं है.
अनिल त्रिगुनायत ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया है कि उसने सिर्फ दुनिया को दिखाने के लिए अपने यहां पर इस संगठन को बैन किया हुआ है, लेकिन असल में वह अलग-अलग संगठनों के नाम से वहां पर सक्रिय है. यह किताब मूल रूप से यह बताती है कि आतंकी संगठन ‘जैश-ए-मोहम्मद’ का कैसे उद्भव हुआ, इसे पैसा कहां से मिलता है और यह कैसे ऑपरेट होता है. इस किताब को लिखने में बहुत रिसर्च किया गया है.
उन्होंने आगे बताया कि ऐसे खतरनाक ग्रुप से तभी निपटा जा सकता है, जब पूरी दुनिया समझे की आतंकवाद एक बहुत बड़ा खतरा है और इस खतरे से कैसे निपटा जा सकता है.
किताब के लेखक और ‘उसानास फाउंडेशन’ के सीईओ तथा संस्थापक डॉ. अभिनव पांडे ने को बताया कि यह किताब सुरक्षा, विदेश नीति, कूटनीति और खुफिया विभाग से जुड़े लोगों के साथ-साथ आम जनता के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है. इस किताब में जैश-ए-मोहम्मद के खुफिया मुद्दे, उनके एजेंडे, मानसिकता और आतंकवादी गतिविधियों के लिए उनको कहां से पैसा मिलता है, इसके बारे में बताया गया है.
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल तेजेंद्र खन्ना और कार्यक्रम में शामिल हुए.
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एससीएच/एकेजे