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Patna, 30 अक्टूबर . बोधगया विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र बिहार राज्य के गयाजी जिले में स्थित एक विधानसभा क्षेत्र है, जो अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित है. यह गयाजी Lok Sabha निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है. बोधगया विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में 17 ग्राम पंचायतें और 139 गांव पड़ते हैं.
बोधगया विश्व के प्रमुख व पवित्र बौद्ध तीर्थस्थलों में से एक है. यहीं बोधि वृक्ष के नीचे गौतम ने अलौकिक ज्ञान प्राप्त किया, जिसके उपरांत उन्हें बुद्ध कहा गया. हिमालय की तराई में स्थित कपिलवस्तु (वर्तमान नेपाल में) के शाक्य गणराज्या के राजकुमार के रूप में जन्मे बुद्ध के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाएं, जैसे ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण, दोनों बिहार में ही घटित हुए.
बौद्ध धर्म का वास्तविक उदय बिहार में हुआ और बुद्ध के उपदेशों, उनकी सरलतम जीवन शैली के उदाहरण और हर जीवित प्राणी के प्रति अन्य अन्यतम करुणा के कारण पूरे विश्व में फैल गया. महत्वपूर्ण यह भी है कि बिहार राज्य का नाम भी ‘विहार’ शब्द से व्युत्पन्न है, जिसका तात्पर्य उन बौद्ध विहारों से है जो बिहार में फैले थे. बुद्ध के महापरिनिर्वाण के सैकड़ों वर्ष बाद मगध के मौर्य राजा अशोक (268 ईस्वी पूर्व से 232 ईस्वी पूर्व) ने बौद्ध धर्म के पुनरुत्थान, सुदृढ़ीकरण व व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए अनेक प्रयास किए. अशोक ने बौद्ध भिक्षुओं के लिए चैत्य और विहार बनवाए.
यहां दुंगेश्वरी मंदिर लोगों की आस्था से जुड़ा है. मान्यताओं के अनुसार, बोधगया में ज्ञान प्राप्ति के पूर्व सिद्धार्थ गौतम ने यहां 6 वर्षों तक ध्यान किया था. बुद्ध के इस जीवन चरण की याद में दो छोटे मंदिर यहां बनाए गए. क्षीण स्वर्ण से निर्मित बुद्ध की एक प्रतिमा गुहा मंदिर में रखी, जो बुद्ध के कठोर निग्रह को दर्शाती है और दूसरे मंदिर में लगभग छह फुट ऊंची बुद्ध की प्रतिमा है. एक हिंदू देवी दुंगेश्वरी की भी मूर्ति गुहा मंदिर के अंदर रखी है.
बोधगया के अन्य प्रमुख आकर्षण यहां की 80 फीट की बुद्ध की प्रतिमा, कमल, तालाब, बुधकुंड, राजायतन, ब्रह्मयोनि, चीनी मंदिर व मानेस्ट्री, बर्मीज मंदिर, भूटान का बौद्ध भवन और जापानी मंदिर, थाई मंदिर व मठ, तिब्बती मठ, सुजाता गांव का पुरातात्विक संग्रहालय, डूंगेस्वरी पहाड़ी (प्राग बोद्धि) और मैत्रेय प्रॉजेक्ट हैं.
Political तौर पर देखें तो बोधगया 1957 में विधानसभा क्षेत्र के रूप में स्थापित हुआ. यहां अब तक 18 चुनाव हुए हैं, जिनमें से राजद ने सबसे अधिक पांच बार जीत हासिल की. भाजपा को तीन बार जीत मिली, जबकि भाजपा और कांग्रेस ने अब तक दो-दो विजय प्राप्त की है. भारतीय जनसंघ, स्वतंत्र पार्टी, जनता पार्टी, लोक दल, और लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) को एक-एक बार जीत मिली.
पिछले दो चुनाव से यहां राजद का दबदबा है. 2015 में राजद के कुमार सर्वजीत ने 30 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी. उन्होंने 2020 में कुमार सर्वजीत ने भाजपा के हरी मांझी को हराया.
बोधगया से इस बार चुनाव मैदान में 10 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. राजद ने कुमार सर्वजीत, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने श्यामदेव पासवान और जन सुराज पार्टी ने लक्ष्मण मांझी को प्रत्याशी बनाया है.
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डीसीएच/डीकेपी