पाकिस्तान में खूनखराबा, 48 घंटे में 15 सुरक्षाकर्मी मारे गए

इस्लामाबाद, 26 अक्टूबर . पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा (केपी) प्रांत में पिछले 48 घंटों में हुए हमलों में कम से कम 15 सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं.

सबसे घातक हमला प्रांत के डेरा इस्माइल (डीआई) खान में हुआ, जहां शुक्रवार की सुबह दरज़िंडा शहर में एक सुरक्षा चौकी पर लक्षित हमले में कम से कम 10 फ्रंटियर कांस्टेबुलरी (एफसी) के जवान मारे गए और तीन घायल हो गए. पाकिस्तान के गृह मंत्रालय के अनुसार छह जवान दक्षिणी वजीरिस्तान के थे, जबकि चार करक शहर के थे.

मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, “हम एफसी (फ्रंटियर कोर) के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं. बलिदान से आतंकवाद को खत्म करने के लिए बलों के दृढ़ संकल्प को मजबूती मिलती है.”

प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए इसे सैन्य अभियान का बदला बताया,जिसमें बाजौर जिले में सुरक्षा बलों ने उसके कम से कम नौ सदस्यों को मार गिराया था.

एक अलग घटना में शुक्रवार को प्रांत के बन्नू और लक्की मरवत जिलों में सशस्त्र बंदूकधारियों द्वारा लक्षित हमले में कम से कम तीन सुरक्षाकर्मी मारे गए. एक अन्य आतंकी हमले में हमलावरों ने पुलिस गश्ती वाहन पर गोलीबारी की. इस हमले में बन्नू के जानी खेल इलाके में स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) रहमान और कांस्टेबल मीर सैयद की मौत हो गई.

केपी के लक्की मरवत जिले में, शाम की नमाज के दौरान एक स्थानीय मस्जिद के अंदर हमलावरों ने एक अंडर-ट्रेनिंग सैनिक जीसी (जेंटलमैन कैडेट) अरिफुल्ला की हत्या कर दी.

पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने कहा कि कैडेट छुट्टी पर अपने गांव आया हुआ था. हमले के दौरान घायल हुए दो अन्य लोगों को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

आईएसपीआर ने कहा, “मस्जिद पर जघन्य और कायराना हमला आतंकवादियों की असली विचारधारा को दर्शाता है.”

खैबर जिले में शुक्रवार सुबह मालागोरी पुलिस स्टेशन के अंदर हमलावरों ने एक पुलिस अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी.

दक्षिण वजीरिस्तान में एक सुरक्षा चौकी पर हमले में एक सैनिक शहीद हो गया, जबकि केपी के वाना इलाके में हुए विस्फोट में दो पुलिस अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए.

पाकिस्तान में स्थिति गंभीर हो गई है क्योंकि पिछले कुछ महीनों में सुरक्षाकर्मियों पर हमलों की संख्या में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई है. खास तौर पर खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में कई सुरक्षा चौकियों, काफिलों और अधिकारियों को टारगेट करके हमले किए गए है.

पाकिस्तान का कहना है कि प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को उसकी धरती पर आतंकी हमले करने के लिए अफगानिस्तान की तालिबान सरकार से पूरा समर्थन मिल रहा है.

एमकेएस/जीकेटी