चुनाव आयोग के दबाव की वजह से बीएलओ नहीं कर रहे सही काम: सुरेंद्र राजपूत

Lucknow, 24 नवंबर . Lok Sabha में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के एसआईआर को लेकर social media पोस्ट पर राजनीति गर्मा गई है. वहीं कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने समर्थन करते हुए कहा कि चुनाव आयोग के दबाव की वजह से बीएलओ से सही काम नहीं कर पा रहे हैं.

कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने समाचार न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा, “चुनाव आयोग के दबाव वाले बर्ताव और बहुत ज्यादा काम के बोझ की वजह से बीएलओ से बहुत बुरा काम करवाया जा रहा है, जिससे कुछ लोग सुसाइड कर रहे हैं. इसमें एक नया मामला सामने आया है जिसमें नोएडा की जिलाधिकारी ने बीएलओ के खिलाफ 67 First Information Report दर्ज की हैं. अब तक देश भर में 16 बीएलओ सुसाइड कर चुके हैं.”

उन्होंने कहा कि क्या टाइमलाइन तीन से चार महीने नहीं बढ़ाई जा सकती थी? चुनाव आयोग का भेदभाव वाला और गैर-पारदर्शी तरीका बीएलओ की जान को खतरे में डाल रहा है. इन्हें सुसाइड नहीं बल्कि संस्थागत हत्या माना जाना चाहिए.

Lok Sabha में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपने social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा था, “एसआईआर के नाम पर देश भर में अफरा-तफरी मचा रखी है, नतीजा? तीन हफ्तों में 16 बीएलओ की हार्ट अटैक, तनाव, आत्महत्या से जान चली गई. एसआईआर कोई सुधार नहीं, थोपा गया जुल्म है. ईसीआई ने ऐसा सिस्टम बनाया है जिसमें नागरिकों को खुद को तलाशने के लिए 22 साल पुरानी मतदाता सूची के हजारों स्कैन पन्ने पलटने पड़ें. मकसद साफ है, सही मतदाता थककर हार जाए, और वोट चोरी बिना रोक-टोक जारी रहे.”

उन्होंने आगे लिखा कि India दुनिया के लिए अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर बनाता है, मगर India का चुनाव आयोग आज भी कागज़ों का जंगल खड़ा करने पर ही अड़ा है. अगर नीयत साफ होती तो लिस्ट डिजिटल, सर्चेबल और मशीन रीडेबल होती और ईसीआई 30 दिन की हड़बड़ी में अंधाधुंध काम के बजाय उचित समय ले कर पारदर्शिता और जवाबदेही पर ध्यान देता. एसआईआर एक सोची समझी चाल है जहां नागरिकों को परेशान किया जा रहा है और बीएलओ के अनावश्यक दबाव से मौतों को “कॉलैटरल डैमेज” मान कर अनदेखा कर दिया है. यह नाकामी नहीं, षड़यंत्र है सत्ता की रक्षा में लोकतंत्र की बलि है.

Jharkhand के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के बयान पर कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा, “अंसारी का पूरा बयान पढ़ा जाना चाहिए. उन्होंने साफ कहा कि लोगों को एसआईआर में ज्यादा उठाए गए कदमों का विरोध करना चाहिए. इरफान अंसारी हमारे स्वास्थ्य मंत्री हैं और पूरा देश एसआईआर का विरोध कर रहा है. अगर एसआईआर इतना अच्छा है, तो इलेक्शन कमीशन और भाजपा को बताना चाहिए कि 16 बीएलओ ने ऐसा क्यों सुसाइड किया है.

एसएके/डीएससी