New Delhi, 29 जुलाई . केंद्र ने 1 जुलाई, 2015 से 31 मार्च, 2025 के दौरान काला धन (अप्रकटित विदेशी आय और संपत्ति) और कर अधिरोपण अधिनियम, 2015 के तहत किए गए आकलन के परिणामस्वरूप 21,719 करोड़ रुपए की कर मांग उठाई है.
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने Tuesday को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को बताया कि काला धन (अप्रकटित विदेशी आय और संपत्ति) और कर अधिरोपण अधिनियम, 2015 की विभिन्न धाराओं के तहत लगाए गए जुर्माने के कारण 13,385 करोड़ रुपए की मांग 31 मार्च, 2025 तक की गई है.
उन्होंने कहा, “1 जून 2015 से 31 मार्च 2025 तक, काला धन (अप्रकटित विदेशी आय और संपत्ति) और कर अधिरोपण अधिनियम, 2015 के अंतर्गत कर, जुर्माना और ब्याज की मांग के विरुद्ध 338 करोड़ रुपए की वसूली की गई है. हालांकि, क्योंकि संग्रह विशिष्ट देशों या विदेशी होल्डिंग्स के प्रकारों से संबंधित नहीं हैं, इसलिए स्विस जमा या विदेशी खातों से संबंधित वसूली के लिए अलग से आंकड़े नहीं रखे जाते हैं.”
इसके अलावा, उन्होंने बताया कि 31 मार्च, 2025 तक, काला धन (अप्रकटित विदेशी आय और संपत्ति) और कर अधिरोपण अधिनियम, 2015 की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत 163 अभियोजन शिकायतें दर्ज की गई हैं.
इस प्रकार की जांच क्षेत्राधिकार प्राधिकारियों द्वारा मामला-दर-मामला आधार पर की जाती है.
राज्य मंत्री के अनुसार, अघोषित विदेशी आय या संपत्ति के मामलों में उत्पन्न कर की मांग कई क्षेत्राधिकारों से संबंधित हो सकती है और ऐसी मांग का देश-वार विभाजन केंद्रीय रूप से नहीं रखा जाता है.
राज्य मंत्री चौधरी ने अपने जवाब में कहा, “स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) के आंकड़ों पर आधारित कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि स्विस बैंकों में भारतीयों से जुड़ी धनराशि 2024 में पिछले वर्ष की तुलना में बढ़ी है. यह भी बताना जरूरी है कि स्विस अधिकारियों के अनुसार, एसएनबी के आंकड़ों में, अन्य बातों के अलावा, ग्राहकों की जमा राशि (किसी भी देश में स्थित स्विस बैंकों की विदेशी शाखाओं सहित), अन्य देनदारियों के साथ-साथ बैंकों को देय राशि भी शामिल है.”
स्विस अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया है कि एसएनबी के वार्षिक बैंकिंग आंकड़ों का इस्तेमाल स्विट्जरलैंड में भारत के निवासियों द्वारा जमा की गई जमा राशि के विश्लेषण के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
–
एसकेटी/