चंड़ीगढ़, 21 मार्च . किसान यूनियन बीकेयू के नेता बूटा सिंह बुर्जगिल ने शुक्रवार को पंजाब के कृषि मंत्री के साथ बैठक में शामिल न होने का फैसला किया और इस बैठक से संबंधित अपनी रणनीति के बारे में को बताया.
उन्होंने कहा कि शुक्रवार को हम लोगों ने संयुक्त किसान मोर्चा की एक आपात मीटिंग बुलाई थी. यह मीटिंग सरकार द्वारा दिए गए पत्र के लिए थी . इस पत्र में किसानों की मांगों पर किसान मोर्चा से चर्चा कर उन मांगों का हल सरकार द्वारा निकालने की बात कही गई थी.
बीकेयू नेता बूटा सिंह बुर्जगिल ने कहा कि सरकार किसान मोर्चा के साथ बैठक करके किसानों की मांगों पर चर्चा करना चाहती है. लेकिन, जब तक किसानों के नेताओं को रिहा नहीं किया जाता और उनके खिलाफ की गई कार्रवाइयों को वापस नहीं लिया जाता, तब तक वे सरकार के साथ किसी भी बैठक में शामिल नहीं होंगे. पहले माहौल शांत किया जाए, उसके बाद मीटिंग होती रहेगी. उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने इस मुद्दे पर एक लेटर भेजा था, जिसमें यह कहा गया था कि जब तक माहौल शांत नहीं होगा, तब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जाएगा. उन्होंने सरकार से यह भी मांग की कि सभी किसान नेताओं को जेल से रिहा किया जाए और उनकी सामाजिक स्थिति को पुनः बहाल किया जाए.
बूटा सिंह बुर्जगिल ने यह भी स्पष्ट किया कि इस बैठक में वह शामिल नहीं होंगे और उनकी यूनियन तब तक किसी प्रकार की बातचीत में हिस्सा नहीं लेगी जब तक सरकार अपनी नीतियों को सही नहीं करती. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर उनकी यूनियन की छह सदस्यीय समिति गठित की गई है, जो आगे की कार्रवाई के बारे में निर्णय लेगी. इस दौरान, एक मेमोरेंडम तैयार किया जाएगा और किसान नेताओं की रिहाई के लिए दबाव डाला जाएगा. उन्होंने सरकार से यह भी अनुरोध किया कि बातचीत का रास्ता खोलने के लिए सरकार को किसानों के प्रति अपनी नीतियों में बदलाव करना होगा.
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पीएसएम/