भाजपा का कांग्रेस पर तंज, गली-गली मुख्यमंत्री बनकर घूम रहे थे पार्टी के कई चिराग 

नई दिल्ली, 10 अक्टूबर . दिग्गज भाजपा नेता एवं भारत सरकार के पूर्व मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने गुरुवार को से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार और हाल ही में आए हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनावी नतीजों और विपक्षी महागठबंधन को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी.

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वित्तीय संकट को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने से कहा कि दिल्ली की सरकार काम पर कम और धरने पर ज्यादा ध्यान देती है. ऐसे में ये माहौल बनते हैं, लेकिन मेरा मानना है कि दिल्ली का आर्थिक ताना-बाना मजबूत है और इसलिए दिल्ली के ताने-बाने को ज्यादा नुकसान नहीं होगा.

हरियाणा में चुनाव के परिणाम होने के बाद कांग्रेस पार्टी के अंदर हो रहे तकरार को लेकर मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि जब कांग्रेस पार्टी मतदान बूथों में वोटिंग के बजाय मशीन बैटरी की नोटिंग में लग जाए, जब मतदान बूथों पर प्रदर्शन के बजाय बैटरी की प्रतिशत के तलाश में लग जाए, तो आप समझिए कि उनके बहानेबाज, बूथ बहादुर पार्टी का कितना बंटाधार कर रहे हैं.

उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस को इस बात का एहसास नहीं था कि उनकी जमीन वहां से खिसक चुकी थी, लेकिन, सिर्फ हवा-हवाई बातें करना और हुड़दंग करना उनकी आदत रही है. उनके लिए महत्वपूर्ण था कि उनको आत्मचिंतन करना चाहिए था, लेकिन, वो इसके बजाय अहंकार में डूबे हुए हैं. जनता के जनादेश नहीं देने की बात को वो महसूस नहीं कर पा रहे हैं.

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने आगे कहा कि जनादेश को लेकर कांग्रेस जब तक रोती रहेगी, तब तक जनता उनको धोती रहेगी. सही बात तो ये है कि घर को चिराग लग गई, घर के चिराग से. कांग्रेस पार्टी के कई चिराग गली-गली में मुख्यमंत्री बनकर घूम रहे थे. उन्होंने खुद पार्टी का बंटाधार किया.

गठबंधन को लेकर कांग्रेस को घेरते हुए मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि ऐसा कोई सगा नहीं, जिसको उन्होंने ठगा नहीं. गठबंधन के मामले में कांग्रेस पार्टी के बेवफाई का इतिहास है. जब भी उन्होंने किसी के साथ डायरेक्ट और इनडायरेक्ट गठबंधन किया, तो इन्होंने बेवफाई की और उसके साथ छल किया. चाहे वो चौधरी चरण सिंह, देवगौड़ा या चंद्रशेखर जी के साथ रहा हो. इसमें एक लंबी श्रृंखला है. इसलिए कहता हूं कि गठबंधन की फैक्ट्री में जितने छेद हैं, उससे ज्यादा इनमें आपसी मतभेद हैं.

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