मैनपुरी, 26 अक्टूबर . उत्तर प्रदेश में नौ सीटों पर अगले महीने उपचुनाव होने जा रहे हैं. ऐसे में राजनीतिक दलों के नेता एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. इस बीच समाजवादी पार्टी (सपा) की नेता और मैनपुरी से सांसद डिंपल यादव ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा.
मैनपुरी में पत्रकारों से बातचीत के दौरान डिंपल यादव ने कहा कि मैं समझती हूं कि जो समाजवादी पार्टी (सपा) की विचारधारा है और जो सभी समाज को लेकर चलने की आज बात हो रही है, तो कहीं न कहीं ये लोग बात तो करेंगे ही, लेकिन कोई कार्य नहीं करेंगे.
सपा की जाति आधारित जनगणना कराने की हमेशा मांग रही है. भाजपा पर निशाना साधते हुए डिंपल यादव ने कहा कि ये लोग जाति आधारित जनगणना नहीं कराएंगे. मेरा मानना है कि आने वाले उपचुनाव में करहल से ही नहीं पूरे प्रदेश में जहां 9 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, वहीं 10वीं सीट पर चुनाव कराने की बात यह लोग नहीं कर पा रहे है. जो ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की बात करते हैं वो एक विधानसभा का चुनाव नहीं कर पा रहे हैं, ये उनकी दोगली बातों को दर्शाता हैं.
करहल को काफी हॉट सीट माना जा रहा है. इस सीट पर भाजपा ने आपके ही रिश्तेदार अनुजेश को मैदान में उतारा है. जिस पर डिंपल यादव ने कहा है कि मैं समझती हूं कि यह एनडीए और पीडीए की लड़ाई है. यह विचारधारा और सिद्धांतों की लड़ाई है. यह संविधान को बचाने की लड़ाई है. प्रदेश के हालात बहुत खराब हैं. हमारे युवा बेरोजगार हैं, किसान परेशान है. लगातार सभी के साथ अन्याय हो रहा है, ये उसकी लड़ाई है. मेरा मानना है कि इस लड़ाई में पूरा करहल एक जुट होकर दिखाई देने वाला है.
इसके अलावा डिंपल यादव ने कहा कि भाजपा के द्वारा जो भ्रम और देश को बांटने की राजनीति की गई वह सभी के सामने उजागर है. हमने पिछले चुनाव में देखा है सभी लोग त्रस्त हैं. उन्होंने उत्तर प्रदेश में भाजपा को हराने का काम किया है.
परिवारवाद के सवाल पर डिंपल यादव ने कहा कि मैं समझती हूं कि भाजपा के सभी सांसद और मुख्यमंत्रियों को देंखे, अगर हम आकलन करेंगे तो सबसे बड़ा परिवारवाद कहीं नजर आता है तो वह भाजपा में है. मैंने पहले ही कहा है कि यह एनडीए और पीडीए के बीच लड़ाई है. पीडीए बहुत मजबूती के साथ इस लड़ाई को लड़ेगा.
उत्तर प्रदेश में हुए निवेश और एमओयू पर सवाल उठाते हुए डिंपल यादव ने कहा कि मैं समझती हूं जहां हजारों करोड़ रुपए की बात हुई थी कि प्रदेश में निवेश आ रहा है, लाखों करोड़ रुपए के एमओयू साइन हुए थे, तो आज उन एमओयू की क्या स्थिति है. मैं समझती हूं कि मुख्यमंत्री को यह समझ आ गया है कि एमओयू केवल हवा-हवा की बातें थीं, धरातल पर कोई काम नहीं हो रहा है. अब जनता इस सरकार को हटाने के लिए तैयार है.
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एफजेड/