झारखंड में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ ‘परिवर्तन यात्रा’ शुरू करने जा रही है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 20 सितंबर को साहिबगंज के भोगनाडीह से इस यात्रा का उद्घाटन करेंगे, जो 20 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलेगी.
भाजपा का दावा है कि झामुमो-कांग्रेस का यह गठबंधन भ्रष्ट और जनविरोधी है, और झारखंडवासियों को इससे मुक्ति मिलनी चाहिए. ‘परिवर्तन यात्रा’ के माध्यम से बीजेपी हेमंत सोरेन सरकार की खामियों को उजागर करेगी. पार्टी का नारा है: “न सहेंगे, न कहेंगे, बदलाव लेकर रहेंगे.”
अमित शाह साहिबगंज में ‘परिवर्तन यात्रा’ को आरंभ करेंगे. बीजेपी झारखंड के विभिन्न संभागों में छह ‘परिवर्तन यात्राएं’ शुरू करने जा रही है, जिसका मुख्य उद्देश्य झामुमो के नेतृत्व वाली सरकार की विफलताओं को उजागर करना है. ये यात्राएं 24 जिलों के सभी 81 विधानसभा क्षेत्रों में 5,400 किलोमीटर की दूरी तय करेंगी.
भाजपा का आरोप है कि झामुमो-कांग्रेस सरकार ने झारखंड की जनता को दुख-दर्द में डाल दिया है. दलाल-माफिया और भ्रष्ट अधिकारियों के सहयोग से परिवारवादी तत्वों ने जनसाधारण की संसाधनों की लूट मचा रखी है.
भाजपा ने झारखंड में परिवर्तन की आवश्यकता के लिए निम्नलिखित मुद्दों को उठाया है:
- परिवारवाद: सोरेन परिवार पर आरोप है कि वे राज्य की राजनीति में परिवारवाद को बढ़ावा दे रहे हैं.
- भ्रष्टाचार: हेमंत सरकार पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप हैं, जिसमें बड़े घोटाले शामिल हैं.
- अपराधियों पर कार्रवाई: राज्य में अपराधियों और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ ठोस कदम उठाने में विफलता का आरोप.
- आदिवासियों का विकास: आदिवासियों के उत्थान को नजरअंदाज करने का आरोप.
- उद्योग और अवसंरचना: विकास में कमी और नए उद्योगों की स्थापना में विफलता.
- रोजगार और आर्थिक विकास: बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार की लापरवाही.
- झारखंड की पहचान: आदिवासी जनसंख्या में कमी और बाहरी घुसपैठियों का मामला.
भाजपा की ‘परिवर्तन यात्रा’ का उद्देश्य झारखंड में सकारात्मक बदलाव की लहर लाना है. यह यात्रा स्थानीय मुद्दों को प्राथमिकता देते हुए जनता की आवश्यकताओं को समझने का प्रयास करेगी. बीजेपी का मानना है कि यह यात्रा चुनावी मैदान में उन्हें मजबूती से स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है.