बंगाल में भाजपा की सीटें बढ़ने की संभावना, संदेशखाली का हो सकता है असर : प्रदीप गुप्ता (आईएएनएस साक्षात्कार)

नई दिल्ली, 3 मार्च . भारतीय जनता पार्टी की तरफ से आगामी लोकसभा चुनाव के लिए 195 सीटों पर उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी गई है. उल्लेखनीय है कि भाजपा ने अपनी पहली फेहरिस्त तब जारी की जब अभी कांग्रेस समेत सारा विपक्ष सीट के बंटवारे की जटिलताओं से ही जूझ रहा है. ऐसे में कहा जा सकता है कि भाजपा का यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 400 पार मिशन की दिशा में अहम साबित होगा.

जाहिर है कि दक्षिणी सूबों के साथ यूपी और बंगाल भाजपा के इस मिशन को पूरा करने में काफी अहम भूमिका अदा करेंगे.

ऐसे ही तमाम सवालों के साथ ने भारत की विख्यात चुनावी सर्वे एजेंसी एक्सिस माय इंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर प्रदीप गुप्ता से बातचीत की. चुनावी डेटा का आकलन करने के लिए देशभर में प्रख्यात प्रदीप गुप्ता ने आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर पूरा खाका खींचा.

प्रदीप गुप्ता ने से खास बातचीत में कहा कि संदेशखाली बंगाल में एक क्षेत्रीय मुद्दा है लेकिन, ये मुद्दे पूरे वर्ग को, समाज को, प्रदेश को छूते हैं. उन मुद्दों से चुनाव में ज्यादा निर्णायक असर होता है. संदेशखाली हो या जब आपने देखा उत्तर प्रदेश में लखीमपुर खीरी का जो वाकया हुआ था. उस समय केंद्रीय मंत्री के बेटे के ऊपर आरोप लगे, लेकिन बीजेपी पर ज्यादा कुछ फर्क नहीं पड़ा. उसका कारण यह है कि ये सारे विषय एक लिमिटेड हिस्से को प्रभावित करते हैं. पूरे प्रदेश को या पूरे देश को कोई विषय प्रभावित करे तभी इन चुनावों में उससे निर्णायक असर होता है.

उन्होंने आगे कहा कि हां, बंगाल की सीटों पर संदेशखाली की घटना का असर पड़ सकता है. लेकिन, मैं अभी ये कहने की स्थिति में नहीं हूं कि कितना पड़ेगा.

वहीं दक्षिण के राज्यों में भाजपा की स्थिति को लेकर प्रदीप गुप्ता ने कहा कि केरल में काफी दिनों से बीजेपी कोशिश कर रही है. डबल डिजिट में वोट परसेंटेज पहले से है, लेकिन सीटों के लिहाज से लोकसभा या विधानसभा में कुछ भी नहीं था. इस बार कह सकते हैं कि कुछ तो संभावना बनेगी. 0 से तो कुछ आगे होगा.

उन्होंने आगे कहा कि इस बार चुनाव के लिहाज से कर्नाटक भी एक ऐसा ही राज्य है. 2019 के चुनाव और अब 2024 के चुनाव में यहां दो बड़े परिवर्तन हुए हैं, एक कांग्रेस की अच्छी खासी जीत हुई पिछले विधानसभा चुनाव में, जिससे कांग्रेस को काफी बल मिला है, ऊर्जा मिली है और उत्साहित भी है. दूसरी तरफ पिछले चुनाव में कांग्रेस और जनता दल एस ने साथ में चुनाव लड़ा था. बीजेपी वहां प्रदेश में सरकार में थी. उसके बावजूद कांग्रेस और जेडीएस को एक-एक सीट मिली थी बस. इस बार जनता दल एस बीजेपी के साथ एनडीए में शामिल है. ये एक बहुत बड़ा और डायनामिक चेंज हुआ है. वहां सब कुछ बदल गया है. वहां प्रदेश की सरकार बदल गई है. कांग्रेस के साथ जेडीएस का गठबंधन बदल गया है. ऐसे में कर्नाटक इस लिहाज से आगामी चुनाव में काफी इंटरेस्टिंग राज्य है. जितने राज्यों की हमने चर्चा की उसमें कर्नाटक भी एक राज्य है जो इंटरेस्टिंग है.

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