कोलकाता/अगरतला, 4 अप्रैल . देशव्यापी रुझान के अनुरूप भाजपा इस बार पश्चिम बंगाल में 2019 के संसदीय चुनावों से भी बेहतर प्रदर्शन करेगी. त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने बुधवार को दक्षिण दिनाजपुर जिले में बालुरघाट लोकसभा क्षेत्र से बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार के नामांकन दाखिल करने के बाद यह दावा किया.
भाजपा ने 2019 में पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से 18 पर जीत हासिल की थी, जो 2014 में जीती गई दो सीटों की तुलना में काफी ज्यादा थी.
पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख का बालुरघाट में तृणमूल कांग्रेस के बिप्लब मित्रा से मुकाबला है.
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने एक रैली में भाग लेने के बाद कहा कि इस बार पश्चिम बंगाल में भाजपा की चुनावी संभावनाएं बहुत अच्छी दिख रही हैं. उन्होंने देशव्यापी रुझान के अनुरूप पार्टी के लिए उत्कृष्ट परिणाम की भविष्यवाणी की.
यह उम्मीद करते हुए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा इस बार अपने सहयोगियों के साथ 400 सीटें जीतेगी, साहा ने राष्ट्रीय राजनीतिक परिदृश्य को आकार देने में पश्चिम बंगाल के महत्व पर जोर दिया.
उन्होंने मीडिया से कहा, ”बंगाल जो आज सोचता है, भारत कल वही सोचता है.”
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और उसके पूर्ववर्ती, सीपीआई-एम के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे की आलोचना करते हुए साहा ने उन पर बंगाल में राजनीतिक हिंसा की संस्कृति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया.
साहा ने बंगाल में चुनावी हिंसा के लिए राज्य में सीपीआई-एम के 34 साल के शासन की विरासत को भी जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल ने राज्य की हालत खराब कर दी है.
उन्होंने शांतिपूर्ण चुनावी प्रक्रिया का भी आह्वान किया, जो त्रिपुरा के राजनीतिक माहौल के विपरीत है, जहां “भाजपा, कांग्रेस और सीपीआई-एम के झंडे शांतिपूर्ण ढंग से एक साथ रहते हैं”.
साहा ने सामंजस्यपूर्ण और समावेशी लोकतांत्रिक प्रक्रिया की जरूरत पर जोर देते हुए कहा, “चुनाव को एक त्योहार की तरह मनाया जाना चाहिए.”
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