कर्नाटक : आदिवासी कल्याण घोटाला मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर भाजपा का डीसी दफ्तरों के बाहर प्रदर्शन

बेंगलुरु, 28 जून . कर्नाटक में भाजपा ने 187 करोड़ रुपये के आदिवासी कल्याण घोटाले में राज्य की कांग्रेस सरकार की संलिप्तता का आरोप लगाया और कार्रवाई की मांग करते हुए शुक्रवार को सभी जिला आयुक्तों (डीसी) के दफ्तरों का घेराव करने का प्रयास किया.

पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं को डीसी दफ्तरों में प्रवेश करने से रोकने के लिए बैरिकेड्स लगा दिए हैं और परिसरों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनात की गई है.

बेंगलुरु समेत सभी जिलों में भाजपा कार्यकर्ता डीसी दफ्तरों की ओर मार्च कर रहे थे. चिकमंगलूर में पुलिस ने बैरिकेड्स कूदकर दफ्तर में घुसने की कोशिश कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया.

बेंगलुरु में प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, “आदिवासी कल्याण बोर्ड को लेकर आंदोलन जारी रहेगा. मंत्री बी. नागेंद्र ने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होगी. मुख्यमंत्री अधिकारी को दोषी ठहराकर मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं. भाजपा कार्यकर्ता पूरे राज्य में डीसी दफ्तरों का घेराव करेंगे. किसान महंगाई से तंग आ चुके हैं. पेट्रोल-डीजल और दूध के दाम बढ़ा दिए गए हैं.”

विजयेंद्र ने कहा, “यह अनिश्चित था कि सिद्दारमैया कितने समय तक सीएम बने रहेंगे. उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार को कमजोर करने के लिए उपमुख्यमंत्री के अधिक पद सृजित करने का मुद्दा उठाया गया. अब यह सीएम सिद्दारमैया को महंगा पड़ रहा है. वह अपनी राजनीति में व्यस्त हैं. उन्हें लोगों की परवाह नहीं है. लोग कांग्रेस सरकार के शासन से सावधान हो गए हैं और कांग्रेस पार्टी पर भरोसा कम हो गया है.”

उन्होंने आगे कहा कि आदिवासी कल्याण घोटाले के एक आरोपी सत्यनारायण वर्मा ने अदालत में कहा था कि पूर्व मंत्री नागेंद्र के करीबी सहयोगियों की ओर से उन्हें धमकाया जा रहा है. यह एक गंभीर आरोप है. लेकिन विशेष जांच दल (एसआईटी) ने आज तक पूर्व मंत्री नागेंद्र से पूछताछ करने की हिम्मत नहीं की है.

दूध की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर भाजपा किसान मोर्चा शनिवार को विरोध-प्रदर्शन करेगा.

विजयेंद्र ने कहा, “सरकार ने सत्ता में आने के एक साल बाद ही भरोसा खो चुकी है. एक स्वामी जी ने सीएम सिद्दारमैया से उपमुख्यमंत्री शिवकुमार के लिए सीएम पद खाली करने को कहा है. लोग सोच रहे हैं कि क्या सरकार प्रभावी ढंग से काम कर रही है. चुनाव से पहले सिद्दारमैया और शिवकुमार एक-दूसरे के प्रति प्यार दिखा रहे थे. अब, वे एक-दूसरे से उलझ गए हैं. राज्य में सड़क पर लड़ाई होने की संभावना है. हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि चीजें कैसे उभरकर आती हैं.”

एफजेड/एकेजे