रांची, 17 जून . भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर उच्च न्यायालय की सुरक्षा के लिए उपकरणों की खरीदारी में घोटाले का आरोप लगाया.
भाजपा प्रदेश इकाई के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने प्रदेश कार्यालय में Tuesday को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि सरकार ने उच्च न्यायालय की सुरक्षा व्यवस्था के लिए बिना टेंडर के उपकरणों की खरीदारी की. उन्होंने यह भी दावा किया कि ज्यादातर उपकरण सुरक्षा टेस्ट में फेल हो गए.
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि भारी कीमत पर उपकरणों को खरीदने के पहले उनकी जांच नहीं हुई. खरीदारी के बाद स्पेशल ब्रांच के डीआईजी की अध्यक्षता में टेक्निकल टीम का गठन हुआ, जिसने 18 जून 2024 को अपनी रिपोर्ट सौंपी. भाजपा प्रवक्ता ने दावा किया कि इस रिपोर्ट के अनुसार खरीदे गए चार उपकरणों में से तीन उपकरण टेस्ट में फेल हो गए.
रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि जमीन के अंदर गाड़े गए डेटोनेटर को डिटेक्ट करने वाला डीप सर्च माइन मेटल डिटेक्टर बेकार पाया गया. यह उपकरण जमीन के अंदर आईईडी और बम को डिटेक्ट नहीं कर पाया. इसी तरह “अंडर व्हीकल सर्च मिरर”, जिससे शीशे के जरिए गाड़ी की चेसिस के नीचे लगे बम की जांच होती है, उसे भी बेकार पाया गया. यह उपकरण भी गाड़ी के नीचे आईईडी और बम को डिटेक्ट नहीं कर पाया.
प्रतुल ने कहा कि हाई एक्सप्लोसिव टीएनटी को डिटेक्ट करने वाला एक्सप्लोसिव वेपर डिटेक्टर भी पूरे तरीके से रिपोर्ट में गड़बड़ पाया गया और यह कुछ भी डिटेक्ट नहीं कर पाया. इस रिपोर्ट को हल्के में नहीं लिया जा सकता. यह राज्य में न्यायपालिका की सर्वोच्च संस्था की सुरक्षा के साथ कहीं ना कहीं खिलवाड़ है. यह मामला जून 2024 में प्रकाश में आया, लेकिन State government एक वर्ष से इसे दबाकर बैठी है. अभी तक संबंधित कंपनी और अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.
प्रतुल ने Chief Minister से मांग की कि वह उच्च न्यायालय की सुरक्षा के लिए अविलंब कड़े कदम उठाएं. अगर आवश्यकता पड़ी तो केंद्रीय गृह मंत्रालय या संबंधित केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी से संपर्क कर उच्च न्यायालय में अत्याधुनिक सुरक्षा उपकरण लगाएं.
प्रेस वार्ता में भाजपा के प्रदेश सह मीडिया प्रभारी योगेंद्र प्रताप सिंह भी उपस्थित रहे.
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एसएनसी/पीएसके/एबीएम