नई दिल्ली, 18 फरवरी . भाजपा के जारी राष्ट्रीय अधिवेशन में शनिवार को एक राजनीतिक प्रस्ताव पेश किया गया. इसके बाद भाजपा की तरफ से और भी प्रस्ताव आज पेश किया जाना है. इसके जरिए भाजपा वह तस्वीर साफ कर देगी कि वह अपने तीसरे कार्यकाल में देश को कैसे विकसित बनाने की दिशा में आगे बढ़ेगी. इसके साथ ही इसमें यह भी उजागर किया जाएगा कि कैसे इंडी गठबंधन के हाथ जनता के लिए खाली हैं. उनके पास विजन की कैसे कमी है और पूरा गठबंधन कैसे तुष्टीकरण की राजनीति कर रहा है.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को अपने राष्ट्रीय सम्मेलन में 2024 में कांग्रेस नीत आईएनडीआई गठबंधन और उनकी ‘हताशा’ पर निशाना साधते हुए एक संकल्प पत्र ‘भाजपा देश की आशा, विपक्ष की हताशा’ शीर्षक से पेश करेगी.
भाजपा के सूत्रों के मुताबिक इसमें कांग्रेस नीत आईएनडीआईए गठबंधन पर उनकी नकारात्मकता, भ्रष्टाचार, दिशाहीन नेतृत्व और अंदरूनी कलह पर तीखा प्रहार किया गया है. इसमें यह बताने की कोशिश की गई है कि कांग्रेस अपने अहंकार के वश में कैसे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के ‘फोबिया’ से पीड़ित है. आम आदमी पार्टी के द्वारा अपने खोखले आदर्शवाद का दिखावा किया जा रहा है, जबकि उसका पूरा शीर्ष नेतृत्व शराब घोटाले में शामिल है.
इसमें ‘सनातन धर्म’ पर ओछी टिप्पणियों के लिए द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) को भी निशाना बनाया जा सकता है, जो देश की मूल परंपराओं को नुकसान पहुंचा रही है. वहीं पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के शोषण और हिंसा के लिए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को भी निशाने पर लिया जाएगा.
सूत्रों की मानें तो इसमें इस बात को भी उजागर करने का प्रयास किया गया है कि कैसे राहुल गांधी जैसे कांग्रेस के अहंकारी नेता विदेशों में देश की बुराई करते हैं और भारत के मामलों में विदेशी हस्तक्षेप को आमंत्रित करते हैं.
इसमें कांग्रेस द्वारा जीएसटी के लागू करने का, द्रौपदी मुर्मू के रूप में अपना पहला आदिवासी राष्ट्रपति मिलने का और नए संसद भवन के उद्घाटन जैसी घटनाओं के बहिष्कार या विरोध का भी जिक्र होगा. वहीं भाजपा के द्वारा दूसरे प्रस्ताव में ‘भ्रष्टाचार और घोटालों से भरे’ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के युग को भी उजागर किया जा सकता है, साथ ही कांग्रेस के नेता के घर से झारखंड में भारी नकदी की बरामदगी या महादेव ऐप का मामला भी उजागर किया जा सकता है.
इसके साथ ही किस तरह विपक्ष ने संसद नहीं चलने दी और रचनात्मक भूमिका नहीं निभाई, इसका भी इसमें जिक्र हो सकता है. प्रस्ताव में यह भी शामिल हो सकता है कि कांग्रेस, द्रमुक जैसे ये विपक्षी दल कैसे ‘हताशा की राजनीति’ कर रहे हैं. इसके साथ ही राजद, तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ‘वंशवादी राजनीति’ को कैसे बढ़ावा दे रहे हैं.
पीएम मोदी को हराने के लिए कैसे ये सभी एक मंच पर इकट्ठा हो गए हैं. साथ ही इसमें यह भी दिखाया जाएगा कि कैसे इंडी गठबंधन की निरर्थकता का एहसास क्षेत्रीय दलों को हुआ है. इसके साथ ही कांग्रेस ने 2019 के ‘टुकड़े-टुकड़े’ गिरोह के लोगों को कैसे अब अपनी पार्टी में सलाहकार बनाया है, इस पर भी बात होगा.
प्रस्ताव में आगे कांग्रेस द्वारा भगवान राम के अस्तित्व को नकारने की कोशिश और 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में पार्टी के नेताओं का निमंत्रण अस्वीकार करना, जैसी बातें शामिल होंगी. इसके जरिए यह बताया जाएगा कि कैसे तुष्टीकरण की राजनीति के कारण कांग्रेस और उसके सहयोगी इससे दूर रहे.
वहीं कांग्रेस नेता डीके सुरेश द्वारा दक्षिण भारत के लिए एक अलग देश की मांग करना. राम मंदिर समारोह में शामिल होने के बाद हिंदू संत प्रमोद आचार्य को पार्टी से निष्कासित करना, कांग्रेस नेताओं का पाकिस्तान जाना और भारत के खिलाफ बोलना और अधीर रंजन चौधरी के द्वारा जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए पाकिस्तान की स्वीकृति की मांग को भी शामिल किया जा सकता है.
इसके साथ ही इस बात पर भी प्रकाश डाला जा सकता है कि कैसे पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में अपने दस्तावेज़ में राहुल गांधी के बयान (अनुच्छेद 370 के पक्ष में) का हवाला दिया था.
भाजपा ने शनिवार को राष्ट्रीय सम्मेलन में पेश किए गए पहले राजनीतिक प्रस्ताव में ‘विकसित भारत’ और ‘मोदी की गारंटी’ के अपने 10 साल के रिकॉर्ड पर प्रकाश डाला. इसमें लिखा है कैसे पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, भारत 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य के साथ एक मजबूत और सक्षम राष्ट्र के रूप में उभरा है. पहले प्रस्ताव में उल्लेख किया गया कि कैसे ‘मोदी की गारंटी’ हर घर तक पहुंची, इसके जरिए 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए.
भाजपा ने यह भी कहा कि पार्टी की विजय यात्रा के तहत पिछले 10 वर्षों में चुनावी सफलताओं के नए आयाम हासिल किए गए. प्रस्ताव में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को रद्द करने, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण, तीन तलाक को खत्म करने, जीएसटी लागू करने, नागरिकता संशोधन अधिनियम, नए संसद भवन का उद्घाटन और सेंगोल स्थापित करने का उल्लेख किया गया है.
भाजपा का यह प्रस्ताव दस पन्नों का है और इसमें सरकार की बड़ी सफलताओं का जिक्र है. इसमें जीएसटी, सीएए, नए आईपीसी कानून, राम मंदिर, नई संसद, जी 20, अनुच्छेद 370 को निरस्त करना, तीन तलाक बिल, चंद्रयान, महिला आरक्षण बिल आदि का उल्लेख है. पश्चिम बंगाल में संदेशखाली का भी इसमें विशेष उल्लेख है, जहां महिलाओं ने यौन अपराधों का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन जारी रखा है.
इसमें किसान कल्याण का भी जिक्र है, जिसके तहत केंद्र द्वारा किसानों को सीधे 2.85 लाख करोड़ से अधिक की राशि देने की बात कही गई है. इसके साथ ही प्रस्ताव में यह भी बताया गया है कि कैसे पद्म पुरस्कार अब जमीनी स्तर पर काम कर रहे लोगों को दिए जाते हैं. इसके साथ ही विदेशी प्रतिनिधियों को भगवत गीता की प्रतियां, तुलसी का पौधा उपहार में देने के निर्णय के लिए भी प्रधानमंत्री की प्रशंसा की गई है.
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जीकेटी/