हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीख बदलने से वोट प्रतिशत बढ़ेगा : भाजपा

नई दिल्ली, 1 सितंबर . चुनाव आयोग के हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीख बदलने का भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि इससे वोट प्रतिशत में भी बढ़ोत्तरी होगी.

दुष्यंत गौतम ने कहा कि चुनाव की तारीख 1 अक्टूबर से 5 अक्टूबर कर दी गई है. चुनाव आयोग ने लोकतंत्र के अंदर जनता की मांग पर यह निर्णय लिया है. तारीख बदलने से लोग बढ़-चढ़कर मतदान में हिस्सा लेंगे. निश्चित तौर पर इससे वोट प्रतिशत में बढ़ोत्तरी होगी. हम चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत करते हैं.

दुष्यंत गौतम ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के घर-घर अभियान पर हमला किया. उन्होंने कहा कि जनता उनसे पूछ रही है कि 10 सालों में क्या किया? मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि हर घर को जल मिलेगा, कहां है हर घर जल ? दिल्ली के प्रदूषण के लिए क्या किया ? स्कूल में बच्चों के दाखिले कम हो गए हैं. स्कूल में शिक्षक नहीं हैं, प्रिंसिपल नहीं हैं. अस्पताल नहीं है. यमुना नदी प्रदूषित है.

उन्होंने आगे कहा कि वो सिर्फ नाटक करते हैं. उनके आधे से ज्यादा विधायक भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. कुछ जेल में हैं और कुछ बेल पर बाहर हैं. जनता ने जो प्रयोग किया, वो फेल साबित हुआ है. जनता अब उन्हें माफ नहीं करेगी. उनका घर-घर जाने वाला अभियान पूरी तरह से फेल होगा. भाजपा झुग्गी-झोपड़ी अभियान चला रही है. इसके जरिए जनता की मदद की जा रही है और उनकी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है.

चुनाव आयोग ने बिश्नोई समुदाय के सदियों पुराने त्योहार का हवाला देते हुए शनिवार को हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की तारीख में बदलाव कर दिया. निर्वाचन आयोग ने हरियाणा में एक चरण में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की नई तारीख 5 अक्टूबर कर दी है. इससे पहले मतदान 1 अक्टूबर को होना था. अब 1 अक्टूबर की जगह 5 अक्टूबर को वोटिंग होगी. हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए मतगणना की तारीख 8 अक्टूबर की गई है.

चुनाव आयोग की तरफ से घोषणा की गई, “यह निर्णय बिश्नोई समुदाय के मताधिकार और परंपराओं का सम्मान करने के लिए लिया गया है, जिन्होंने अपने गुरु जम्भेश्वर की स्मृति में आसोज अमावस्या उत्सव मनाने की सदियों पुरानी प्रथा को कायम रखा है. इससे बड़ी संख्या में लोग मतदान के अधिकार से वंचित रह सकते हैं, साथ ही इससे हरियाणा विधानसभा चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी कम हो सकती है.”

एसएम/एबीएम