बेंगलुरु, 28 फरवरी . विपक्षी भाजपा ने बुधवार को विधानसभा में एक कांग्रेस नेता के समर्थकों द्वारा कथित तौर पर पाकिस्तान समर्थक नारेबाजी का मुद्दा उठाया और कहा कि यह राष्ट्र का ‘अपमान’ है.
विपक्ष के नेता आर. अशोक ने विधानसभा सत्र के दौरान इस मुद्दे को उठाया और सवाल किया, “राज्य विधानमंडल परिसर के अंदर भीड़ को कैसे अनुमति दी जा सकती है. सीमा पर भारतीय सैनिक ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने वालों को गोली मार देते हैं, इससे देश का अपमान होता है.”
उन्होंने कहा कि इस घटना से राज्य भर में तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई है. अगर ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे यहां से लगाए जा सकते हैं, जहां सैकड़ों पुलिसकर्मियों की सुरक्षा होती है, जहां दर्जनों आईएएस और आईपीएस अधिकारी काम करते हैं, तो लोगों को अब डर है कि ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे प्रदेश में कहीं भी लगेंगे.
उन्होंने सवाल किया, “सैयद नसीर हुसैन जैसे व्यक्ति को राज्यसभा का टिकट कैसे मिल सकता है? आपको वह कहाँ से मिला? सरकार अब भी इस बात पर कायम है कि उसे इस घटना के बारे में पता नहीं है और वे इस घटना से अनभिज्ञ होने का अभिनय कर रहे हैं. वह मीडिया से बाहर निकलने के लिए कहते हैं, देखो इनका अहंकार?”
अशोक ने कहा कि मौके पर न होने के बावजूत भाजपा विधायक पर मामला दर्ज किया गया, जबकि पीएफआई के खिलाफ मामले खारिज कर दिए गए हैं. अगर मुख्यमंत्री सिद्दारमैया देशभक्त हैं तो उन्हें घटनास्थल का दौरा करना चाहिए था. यह कर्नाटक के लोगों का अपमान है. उन्होंने आरोप लगाया, ”सरकार ने मामले को दबा दिया और आरोपियों को बिरयानी खिलाकर कारों में भेज दिया.”
स्पीकर यू.टी. खादर ने कहा कि उन्हें अधिकारियों से जानकारी मिली कि भाजपा नेता विधान सौध के परिसर में राष्ट्रीय ध्वज लेकर जा रहे थे और नियमों का उल्लंघन कर रहे थे. उन्होंने कहा, “मैं अपना अपमान सहन कर लूँगा. लेकिन, भारतीय झंडे का अपमान मत कीजिए, अन्यथा कानूनी कार्रवाई शुरू की जायेगी. मैं आपको एक भाई के रूप में बता रहा हूं.”
इस पर अशोक ने जवाब दिया, “क्या भाजपा नेताओं के लिए तिरंगे को पकड़ना गलत है? क्या हमें पाकिस्तान का झंडा पकड़ना चाहिए? क्या राष्ट्रीय ध्वज को पकड़ना उल्लंघन है?”
अशोक ने दावा किया, “एक अन्य कांग्रेस उम्मीदवार जी.सी. चन्द्रशेखर की जीत का जश्न मनाने के लिए कोई भीड़ नहीं थी. भाजपा उम्मीदवार के समर्थकों ने ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए और चुपचाप चले गए.”
स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा कि सैयद नसीर हुसैन को दोष देने की कोई जरूरत नहीं है. “पहले आपके लोगों को पाकिस्तान का झंडा फहराने पर गिरफ्तार किया गया था. जांच होने दीजिए. कौन जानता है कि यह जानबूझकर किया गया हो.”
सदन में हंगामा बढ़ने पर अध्यक्ष खादर ने कार्यवाही स्थगित कर दी.
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