भाजपा के लोग डरे हुए हैं : भंवर जितेंद्र सिंह

नई दिल्ली, 21 अप्रैल . कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अमेरिका की ब्राउन यूनिवर्सिटी में दिए बयान ने भारत में राजनीतिक हलचल मचा दी है. राहुल ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में निर्वाचन आयोग पर गंभीर सवाल उठाए, जिसका कांग्रेस नेता भंवर जितेंद्र सिंह ने समर्थन किया है. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर डरने का आरोप लगाया और चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए.

भंवर जितेंद्र सिंह ने कहा कि चुनाव आयोग पर जनता का भरोसा कम हो रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि मतदाता सूची में गड़बड़ियां हो रही हैं. मतदान से एक दिन पहले पूरक मतदाता सूची जारी होती है, जिसमें एक करोड़ से ज्यादा मतदाता अचानक जुड़ जाते हैं. सिंह ने सवाल किया कि आयोग को इसका जवाब देना होगा. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में एक करोड़ नए मतदाताओं के जुड़ने का मामला सामने आया, लेकिन आयोग ने अपनी वेबसाइट बंद कर दी और इस पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दे रहा.

सिंह ने राहुल गांधी के बयान का बचाव करते हुए कहा कि वे जो मुद्दे उठा रहे हैं, वे देश में पहले से ही चर्चा में हैं. उन्होंने कहा, “राहुल जहां बात कर रहे हैं, वहां मौजूद लोग भी भारतीय हैं. वे विदेश में रहते हैं, लेकिन उनका दिल भारत के लिए धड़कता है. हम इन सवालों को यहां भी उठा रहे हैं, सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग में जा रहे हैं.”

सिंह ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि वह इन सवालों से डर रही है और जवाब देने के बजाय हंगामा कर रही है.

बता दें कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अमेरिका के बॉस्टन में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर कहा कि यह स्पष्ट है कि भारतीय चुनाव आयोग ने समझौता किया है और इस सिस्टम में गहरी खामियां हैं. राहुल ने दावा किया कि महाराष्ट्र में जितने बालिग मतदाता नहीं हैं, उससे ज्यादा वोट डाले गए. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने शाम 5:30 बजे तक वोटिंग का आंकड़ा बताया, लेकिन इसके बाद 5:30 से 7:30 बजे के बीच 65 लाख वोट डाले गए. राहुल ने इसे असंभव बताते हुए कहा कि एक वोटर को वोट डालने में औसतन 3 मिनट लगते हैं. इस हिसाब से 65 लाख वोटों के लिए रात 2 बजे तक मतदाताओं की लाइन होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने चुनाव की वीडियोग्राफी की मांग की, तो आयोग ने स्पष्ट रूप से मना कर दिया. इतना ही नहीं, आयोग ने कानून में बदलाव कर दिया ताकि भविष्य में वीडियो फुटेज को लेकर सवाल न उठाए जा सकें.

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