नई दिल्ली, 3 दिसंबर . भाजपा सांसद संबित पात्रा ने मंगलवार को लोकसभा में वित्तीय धोखाधड़ी का मामला, नागरवाला केस का जिक्र करते हुए कांग्रेस और विपक्ष को जमकर घेरा.
उन्होंने कहा, “मैं आपसे आज नागरवाला केस पढ़ने का अनुरोध करता हूं. हम संसद में खड़े हैं और मैं आपके ध्यान में 1971 का एक मामला लाना चाहता हूं. 24 मई 1971 को एक फोन आया था. भारतीय स्टेट बैंक की संसदीय शाखा में बैंक प्रबंधक मल्होत्रा ने कॉल का उत्तर दिया, जिन्होंने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की आवाज सुनी. तत्कालीन प्रधानमंत्री उन्हें साठ लाख रुपये निकालने का निर्देश दिया.”
उन्होंने कहा, “इंदिरा गांधी के कहने पर 60 लाख रूपया नागरवाला को दे दिया गया. बाद में इस मुद्दे की जांच के लिए रेड्डी आयोग का गठन किया गया था, हालांकि इंदिरा गांधी के नाम का उल्लेख नहीं किया गया था, लेकिन नागरवाला मामला इंदिरा गांधी के समय के दौरान बैंकिंग धोखाधड़ी की एक रहस्यमय कहानी बनी हुई है.”
भाजपा सांसद संबित पात्रा ने बैंकिंग प्रणाली में हुई प्रगति का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया. उनकी ओर से जब नागरवाला मामला उठाया गया तब विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया.
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सदस्यों द्वारा अध्यक्ष के खिलाफ विरोध जताने पर आपत्ति जताई और कहा कि नागरवाला मामला रिकॉर्ड का हिस्सा है. वहीं स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि अगर विपक्ष आपत्ति करेगा, तो इंदिरा गांधी का नाम हटा दिया जाएगा.
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एकेएस/