New Delhi, 21 अगस्त . Lok Sabha में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से बिल की कॉपियां फाड़कर फेंकने के मामले पर भाजपा हमलावर है. विपक्ष को निशाने पर लेते हुए BJP MPों ने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने वहां जिस तरह का कृत्य किया, वह निंदनीय है.
संविधान संशोधन बिल पर विपक्ष के हंगामे को लेकर Union Minister जी किशन रेड्डी ने से बातचीत में कहा कि कांग्रेस को क्यों इतनी परेशानी है? उनके सिर्फ तीन राज्यों में Chief Minister हैं. इस बिल के कारण हमारी पार्टी को ही टेंशन ज्यादा होनी चाहिए, क्योंकि Prime Minister से लेकर कई राज्यों में Chief Minister भाजपा और एनडीए के हैं. उन्होंने कहा कि देश में ठीक तरीके से व्यवहार होना चाहिए, इसलिए Government बिल लाई है और हम इस बिल को पास कराकर रहेंगे.
उन्होंने कहा कि Government नैतिकता की दृष्टि से बिल लेकर आई है. जी किशन रेड्डी ने कांग्रेस को याद दिलाया कि लालू प्रसाद यादव को जेल जाने से बचाने के लिए उनकी Government अध्यादेश लाई थी. उसी अध्यादेश को राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में फाड़कर फेंका था.
विपक्षी सांसदों की तरफ से बिल की कॉपी फाड़ने पर Union Minister और लोजपा (रामविलास) पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने निंदा की. उन्होंने कहा, “इसकी जितनी भी निंदा की जाए, वह कम है. लोकतंत्र में विपक्ष की अपनी एक भूमिका होती है, और यह सकारात्मक होनी चाहिए. अगर मतभेद है तो सदन का पटल का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, लेकिन जिस तरह का व्यवहार विपक्ष के सदस्यों ने दिखाया है, वह स्वीकार नहीं किया जा सकता है.”
संविधान संशोधन बिल पर BJP MP दामोदर अग्रवाल ने कहा, “यह कानून के शासन को बनाए रखने का एक ईमानदार प्रयास है और लोगों की भावनाओं के अनुरूप है. हालांकि, ‘इंडी’ गठबंधन उन लोगों के साथ Government चलाना चाहता है जो जेल में हैं, यही वजह है कि वे परेशान हैं.”
सदन में विपक्ष के व्यवहार पर BJP MP दर्शन सिंह चौधरी ने कहा कि कांग्रेस ने जिस तरह से लोकतंत्र का मजाक उड़ाया है, वह उनके परिवार की पिछली आदतों के अनुरूप है. कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने वहां जिस तरह का कृत्य किया, वह निंदनीय है.
BJP MP संजय जायसवाल ने कहा कि सभी दल अपनी सीटों से विरोध कर रहे थे, जो गलत नहीं है, लेकिन कुछ सांसद जानबूझकर वेल में आ गए और जानबूझकर कागज फाड़ने लगे.
संविधान संशोधन बिल पर BJP MP संजय जायसवाल ने कहा कि यह विधेयक दलों के खिलाफ नहीं, Governmentों के खिलाफ है. चाहे वह केंद्र की Government हो या राज्यों में भाजपा और गैर-भाजपा Governmentें हों, वहां उच्च पदों पर रहने वाले Prime Minister या मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को बेल नहीं मिलने पर इस्तीफा देना चाहिए, लेकिन देखा गया है कि दिल्ली में ऐसा नहीं हुआ. इस कारण Government यह बिल लाई है.
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डीसीएच/केआर