राष्ट्रपति को ‘पुअर लेडी’ कहना बहुत दुखद बात है : भाजपा सांसद नीरज शेखर

नई दिल्ली, 3 फरवरी . राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए भाजपा सांसद किरण चौधरी ने कहा कि हमारी राष्ट्रपति सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठी हैं. वे समाज के वंचित वर्ग से आती हैं, उन्होंने अपने संघर्ष और बुद्धि से यह मुकाम हासिल किया है, वे किसी विरासत के कारण यहां नहीं आईं. राष्ट्रपति के लिए सामंती आचरणपूर्ण बातें की जाती हैं. वह इन बातों का पूरी तरह से विरोध करती हैं.

इसी विषय पर बोलते हुए राज्यसभा में भाजपा सांसद नीरज शेखर ने भी अपनी आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति को ‘पुअर लेडी’ कहना बहुत दुखद बात है. देश में पहली बार जनजातीय समाज से आई एक नेत्री इस देश की राष्ट्रपति बनीं. उन्होंने विपक्ष (कांग्रेस) के लिए कहा कि इससे इन लोगों को पीड़ा हो रही है. विपक्ष के कई नेताओं ने कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण बोरिंग था. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से कहा कि खड़गे जी यहां बैठे हुए हैं, मैं चाहता हूं कि वह अपने नेता को समझाएं कि देश के राष्ट्रपति का अभिभाषण मनोरंजक नहीं होता है.

उन्होंने कहा कि देश के राष्ट्रपति का अभिभाषण देश के भविष्य एवं बीते एक साल में किए गए कार्यों को लेकर होता है. इसमें कोई चुटकुले नहीं बताए जाते. नीरज शेखर ने अरविंद केजरीवाल के बयान का भी जिक्र करते हुए कहा कि एक पूर्व मुख्यमंत्री कहते हैं कि हरियाणा, दिल्ली में जहरीला पानी छोड़ रहा है, हरियाणा, दिल्ली को जहरीला पानी दे रहा है. मुझे आश्चर्य है कि एक पूर्व मुख्यमंत्री ऐसा कैसे बोल सकता है.

उन्होंने कहा कि इस विषय पर जब इलेक्शन कमीशन ने पूर्व मुख्यमंत्री को जवाब देने के लिए बुलाया तो उसके बाद उस पूर्व मुख्यमंत्री की भाषा ही बदल गई क्योंकि वह क्षमा मांगने वाले मुख्यमंत्री रहे हैं. उन्हें 8 फरवरी को दिल्ली की जनता हमेशा के लिए विदा कर देगी. ये लोग दिल्ली से विदा हो रहे हैं. राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा कि तीसरी बार आई मोदी सरकार तीन गुना गति से काम कर रही है. इसको लेकर ये लोग चिंतित हैं. इससे घबराए इन लोगों को अपना भविष्य दिखाई नहीं दे रहा है.

उन्होंने दिल्ली में आयुष्मान योजना लागू नहीं किए जाने का भी विषय उठाया. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने इस योजना को लागू नहीं होने दिया. पश्चिम बंगाल और दिल्ली सरकार ने आयुष्मान योजना को लागू नहीं किया. जबकि, इनको छोड़कर देश के अधिकांश राज्यों में यह योजना लागू की गई है.

जीसीबी/एबीएम