भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को 399 सीटें मिलेंगी, इंडिया गठबंधन मुश्किल से पार कर पाएगा 100 का आंकड़ा : ओपिनियन पोल

नई दिल्ली, 3 अप्रैल . भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) करीब 400 सीटों के साथ भारी जीत की ओर अग्रसर है, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाला इंडिया गठबंधन 100 सीटों के भीतर सिमटता दिख रहा है. इंडिया टीवी ने सीएनएक्स एजेंसी के साथ मिलकर किए गए अपने सर्वेक्षण में यह नतीजा पाया.

इंडिया टीवी-सीएनएक्स ओपिनियन पोल में 19 अप्रैल से संसदीय चुनाव का पहला चरण शुरू होने से कुछ दिन पहले जनता की राय जानने की कोशिश की गई.

सर्वेक्षण के निष्कर्षों के अनुसार, भाजपा अपने दम पर अब तक की सबसे बड़ी 342 सीटें लाने के लिए तैयार है और सहयोगियों के साथ वह 400 का आंकड़ा छू सकती है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य है.

ओपिनियन पोल के अनुसार, इंडिया गठबंधन का प्रदर्शन खराब रहने की संभावना है. इसके सभी घटक दोहरे अंक के आंकड़े हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं. सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस को सिर्फ 38 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और डीएमके क्रमशः 19, 3 और 18 सीटों पर जीत दर्ज कर सकती हैं. निर्दलीय समेत अन्य को करीब 90 सीटें जीतने की उम्मीद है.

उम्मीद है कि भाजपा सभी निर्वाचन क्षेत्रों में जीत का दावा करके क्लीन स्वीप करेगी और कुछ राज्यों को ‘भगवा’ कर देगी. इनमें गुजरात (26 सीटें), मध्य प्रदेश (29), राजस्थान (25), हरियाणा (10), दिल्ली (7), उत्तराखंड (5) और हिमाचल प्रदेश (4 सीटें) शामिल हैं.

हिंदी पट्टी के दो सबसे बड़े राज्यों – उत्तर प्रदेश और बिहार – में भी भाजपा विपक्ष को बड़ा झटका देती दिख रही है. उत्तर प्रदेश में पार्टी को 80 में से 77 सीटें (भाजपा-73, अपना दल और आरएलडी 2-2 सीटें) जीतने की संभावना है. राज्य में कांग्रेस और बसपा का सूपड़ा साफ होता दिख रहा है.

बिहार में भी एनडीए गठबंधन सहयोगियों को 38 सीटों के साथ राज्य में जीत मिलने की संभावना है – भाजपा 17 और जदयू 14 सीटों पर जीत का दावा कर रही है. बाकी पर छोटे सहयोगी दल जीत का दावा कर रहे हैं.

अन्य राज्य जहां भाजपा को बड़ी संख्या में सीटें मिलने की संभावना है, उनमें झारखंड (14 में से 12), असम (14 में से 11), बंगाल (42 में से 22), कर्नाटक (28 में से 22) और महाराष्ट्र (48 में से 27) शामिल हैं.

क्षेत्रीय क्षत्रपों को भी भाजपा की लहर में बहते हुए देखा जा रहा है, क्योंकि सत्तारूढ़ दल की विजय यात्रा पर उनके प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है. एनडीए के दोनों कट्टर विरोधी टीएमसी और डीएमके अपने ही राज्यों में अपनी जमीन खोते नजर आ रहे हैं.

टीएमसी को 19 सीटें मिलती दिख रही हैं, जो 2019 के चुनावों से 3 कम है, जबकि डीएमके की संख्या भी 18 सीटों पर हिट होती दिख रही है.

वाईएसआरसीपी, टीडीपी और बीजू जनता दल जैसे अन्य क्षत्रपों को क्रमशः 10, 12 और 11 सीटें जीतने की संभावना है.

इंडिया टीवी-सीएनएक्स ने इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए 1 मार्च से 30 मार्च तक सभी 543 निर्वाचन क्षेत्रों में सर्वेक्षण किया और करीब 1.80 लाख लोगों के विचार जुटाए.

एसजीके/