असम उपचुनाव में भाजपा नीत गठबंधन सभी पांचों सीटें जीतेगा: सर्बानंद सोनोवाल

गुवाहाटी, 28 अक्टूबर . केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने सोमवार को कहा कि भाजपा नीत गठबंधन असम में सभी पांच सीटों पर जीत हासिल करेगा. सभी पांचों सीटों पर अगले महीने उपचुनाव होने जा रहे हैं.

सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “भाजपा के सत्ता में आने के बाद डबल इंजन सरकार ने राज्य में जबरदस्त विकास किया है. आम जनता ने पिछले कुछ वर्षों में सत्तारूढ़ सरकार की विकास पहलों को देखा है और इस विकास की राजनीति के कारण असम का परिदृश्य बदल गया है.”

केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि कांग्रेस सत्ता में रहने के दौरान कई बार लोगों के जीवन में बदलाव लाने में विफल रही और मतदाता इस तथ्य को समझ चुके हैं.

उन्होंने कहा, “लोगों ने देखा है कि केवल भाजपा ही किसी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विकास करने में सक्षम है. मतदाता राज्य में हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली सरकार के प्रदर्शन से बहुत खुश हैं. मुझे उम्मीद है कि हम उन सभी पांच सीटों पर जीत हासिल करेंगे जहां अलगे महीने उपचुनाव होने हैं. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल मतदाताओं को भाजपा के बजाय अपने पक्ष में वोट देने के लिए राजी नहीं कर सकते.”

बता दें कि असम की धोलाई, सामागुरी, बेहाली, बोंगाईगांव और सिदली विधानसभा सीट पर 13 नवंबर को उपचुनाव होगा और मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी. उपचुनाव इसलिए हो रहे हैं क्योंकि ये सीटें मौजूदा विधायकों के लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद रिक्त हो गई थीं.

इन पांच विधानसभा सीटों में से चार पर पहले भाजपा और उसके सहयोगी दलों का कब्जा था. कांग्रेस के पास सिर्फ सामागुरी सीट थी, यह क्षेत्र असम के पूर्व मंत्री रकीबुल हुसैन का गढ़ है. हुसैन 2001 से राज्य विधानसभा में सामागुरी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. पिछले 23 वर्षों में उन्होंने एक भी चुनाव नहीं हारा है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हुसैन ने संसदीय चुनावों में धुबरी लोकसभा सीट पर ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल को चुनौती दी थी. यह सीट 2009 से अजमल के पास थी. हुसैन ने 10 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत हासिल कर इस सीट पर कब्जा किया था.

अब रकीबुल हुसैन के बेटे तंजील हुसैन को कांग्रेस ने उपचुनाव में सामागुरी विधानसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतारा है. हालांकि, भाजपा की नजर सामागुरी से कांग्रेस को बाहर करने पर है. सत्तारूढ़ पार्टी ने इस बार उपचुनाव के लिए अपने शीर्ष नेताओं को प्रचार में झोंक दिया है.

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