दिल्ली : सीएजी रिपोर्ट पर भाजपा नेता मनजिंदर सिरसा और हरीश खुराना ने ‘आप’ को लिया आड़े हांथों

नई दिल्ली, 1 अप्रैल . दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र के दौरान प्रदूषण को लेकर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट पेश की गई, जिसमें कई खामियां उजागर हुईं. इस रिपोर्ट के बाद दिल्ली सरकार और विपक्ष के बीच बयानबाजी तेज हो गई है. दिल्ली सरकार में खाद्य एवं आपूर्ति, उद्योग, वन एवं पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने रिपोर्ट को लेकर आप पर कई गंभीर आरोप लगाए.

मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि पूर्व की दिल्ली सरकार द्वारा प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदमों में कई खामियां थीं. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदूषण मापने वाले सेंसर लगाए जाने थे, लेकिन इन्हें नजरअंदाज किया गया. सिरसा ने कहा, “डीटीसी को खत्म कर दिया गया, ताकि प्राइवेट बस कंडक्टर और कंपनियां आ सकें. अरविंद केजरीवाल के समय में लगभग तीस प्रतिशत बसों को कम कर दिया गया और प्राइवेट कंपनियों को डबल बसें दिल्ली में दी गईं, जिससे स्कूटर और दोपहिया वाहनों की संख्या में इज़ाफा हुआ.”

इसके अलावा, सिरसा ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने करोड़ों रुपये की लागत से जो स्मोक टावर लगाए थे, वे एक साल भी नहीं चले. उन्होंने कहा, “सरकार ने 54 करोड़ रुपये और खर्च किए, लेकिन इन खर्चों का कोई खास परिणाम नहीं निकला.” मंत्री ने यह भी कहा कि साढ़े तीन सौ इलेक्ट्रिक बसें लेनी थीं, लेकिन जब कंपनी ने पैसे देने से मना कर दिया, तो सरकार ने उस टेंडर को ही रद्द कर दिया. इसके साथ ही सिरसा ने मोनोरेल योजना को भी रद्द करने का आरोप लगाया और कहा कि पर्यावरण मंत्रालय के पास मौजूद पैसे में रिश्वत न मिलने के कारण इसे खर्च ही नहीं किया गया और वह पैसे बिना उपयोग के पड़े रहे.

भाजपा विधायक हरीश खुराना ने इस मुद्दे पर विपक्ष को निशाने पर लिया और कहा कि प्रदूषण पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष को यह डर था कि प्रदूषण पर चर्चा के दौरान उनके खिलाफ सबूत सामने आ सकते हैं. खुराना ने कहा, “सीएजी की रिपोर्ट स्पष्ट रूप से बताती है कि पिछली सरकार की नाकामियों के कारण दिल्ली के लोग परेशान हो रहे हैं. दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने की मुख्य वजह केजरीवाल सरकार की नीतियां हैं. रिपोर्ट में यह साफ-साफ कहा गया है कि सरकार ने जानबूझकर प्रदूषण मापने वाले सेंसर ठीक नहीं किए और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने के बजाय प्रदूषण को बढ़ावा दिया.”

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