पीएम किसान सम्मान निधि की किस्त जारी, भाजपा किसान मोर्चा ने प्रधानमंत्री मोदी का जताया आभार

New Delhi, 2 अगस्त . भाजपा किसान मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद राजकुमार चाहर ने पीएम किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त जारी करने पर भाजपा किसान मोर्चा की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद और साधुवाद दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने Saturday को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से पीएम किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त जारी कर देश के 9.70 करोड़ से ज्यादा किसानों के खाते में 20500 करोड़ रुपए की धनराशि ट्रांसफर की.

प्रधानमंत्री किसान सम्मन निधि योजना के तहत अब तक किसानों के खाते में 3.89 लाख करोड़ रुपए ट्रांसफर हुए हैं. 18 जून 2024 को 19वीं किस्त के रूप में 9.26 करोड़ किसानों के खाते में सम्मान निधि भेजी गई थी.

राजकुमार चाहर ने कहा कि 1 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा यह योजना प्रारंभ की गई थी. इस योजना का उद्देश्य उचित फसल स्वास्थ्य और उचित पैदावार सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न कृषि आदानों की खरीद में सभी किसान परिवारों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करना है, जो अनुमानित कृषि आय के साथ-साथ घरेलू जरूरतों के लिए भी है. इस योजना द्वारा लगातार हमारे किसान भाई आर्थिक रूप से सबल हो रहे हैं और कर्ज के मकड़जाल से निकालने में इस योजना की महत्वपूर्ण भूमिका है.

उन्होंने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट में किसानों के हितों में लिए गए निर्णय के लिए भी विशेष आभार प्रकट किया. कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री कृषि संपदा योजना को और सशक्त बनाने के लिए इसके बजट में बढ़ोतरी का निर्णय लिया गया.

इसके तहत नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के फंड में ‘सहायता अनुदान’ के जरिए बजट बढ़ाते हुए 2000 करोड़ रुपए किया गया है. एनसीडीसी सहकारी समितियों को लोन प्रदान करता है. ये कर्ज लगभग 8.25 लाख सहकारी समितियों को जाते हैं, जिनके 29 करोड़ सदस्य हैं और 94 प्रतिशत किसान इससे जुड़े हैं. एनसीडीसी द्वारा दिए गए ऋण की रिकवरी दर भी लगभग 99.8 प्रतिशत है और इसका नेट एनपीए जीरो है. इसके अलावा प्रधानमंत्री कृषि संपदा योजना (पीएमकेएसवाई) के लिए सरकार ने 6,520 करोड़ रुपए दिए जाने को अपनी मंजूरी दी है. इसमें लैब और इंफ्रा सुविधा बढ़ाने के लिए 1000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मदद पर भी सहमति जताई गई.

उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार ने किसान संपदा योजना को साल 2017 में शुरू किया था. इसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाने के साथ ही किसानों की आय को दोगुना करना भी था. इसे खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (एमओएफपीआई) द्वारा कार्यान्वित किया जाता है.

राजकुमार चाहर ने विपक्षी दलों की पिछली सरकारों पर प्रहार करते हुए कहा कि एक तरफ नरेंद्र मोदी किसानों के मसीहा हैं, जो किसानों के दुख दर्द को समझते हैं और उनको सबल, सशक्त बनाने के लिए, आत्मनिर्भर बनाने के लिए परिश्रम की पराकाष्ठा कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दल राहुल गांधी और सोनिया गांधी किसानों के नाम पर केवल राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं और किसानों की कभी सुध लेने का उन्होंने कोई प्रयास नहीं किया.

उन्होंने कहा कि ‘जाके पैर न फटी बिवाई, सो क्या जाने पीर पराई,’ अर्थात गरीबी देखी ना हो, वह गरीबों का दर्द क्या समझ सकते हैं. वह दर्द तो नरेंद्र मोदी जैसे व्यक्तित्व ही समझ सकते हैं, जो गरीब मां की कोख से पैदा होते हैं, गरीबी में पलते-बढ़ते हैं, और फिर देश की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित कर देते हैं.

डीकेपी