हिसार, 25 फरवरी . पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह मंगलवार को हिसार स्थित कांग्रेस भवन पहुंचे और मेयर प्रत्याशी कृष्ण टीटू के पक्ष में मतदान की अपील की. इस दौरान उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ चुनावी तैयारियों को लेकर एक बैठक की. उन्होंने इस चुनावी अभियान में अपने कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियां तय कीं और उन्हें सभी वार्डों में जाकर प्रचार करने के निर्देश दिए.
बीरेंद्र सिंह ने इस अवसर पर कहा कि भाजपा ऐसी पार्टी है, जो संविधान को कमजोर करने का काम कर रही है. उन्होंने कांग्रेस के संगठन को लेकर कहा कि संगठन का निर्माण बहुत जरूरी है, और कांग्रेस जल्द ही संगठन को मजबूती देने के लिए कदम उठाएगी. उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव में कांग्रेस और भाजपा दोनों दमखम के साथ मैदान में हैं और दोनों ही अपने-अपने सिंबल पर चुनाव लड़ रही हैं. पार्टी को हर वार्ड से चुनाव लड़ना चाहिए, ताकि वह अपनी मजबूती को जनमानस के सामने पेश कर सके. हालांकि, कांग्रेस पार्टी ने यह निर्णय लिया है कि कुछ ही स्थानों पर पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ेगी.
बीरेंद्र सिंह ने कहा कि निकाय चुनाव में वोटरों का प्रभाव बहुत बड़ा होता है, क्योंकि इस चुनाव में छोटे-छोटे अंतर से भी हार-जीत का फैसला हो सकता है. भाजपा ने ‘ट्रिपल इंजन’ सरकार बनाने का दावा किया है, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. यदि सरकार अपनी शक्तियां निकायों को सौंप दे तो आमजन की समस्याओं का समाधान तुरंत हो सकता है.
कांग्रेस नेताओं द्वारा पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल होने के सवाल पर बीरेंद्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस 150 साल पुरानी पार्टी है और इसमें नेताओं का आना-जाना लगा रहता है. उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, “जब मैं कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुआ था, तो यह अहसास हुआ कि भाजपा की विचारधारा पूरी तरह से अलग है. मैंने कभी नहीं सोचा था कि कोई सरकार किसानों के खिलाफ हो सकती है.”
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के तहत जवानों को सिर्फ चार साल बाद रिटायर कर दिया जाएगा, जिससे फौज की हालत खराब हो जाएगी. कांग्रेस और राहुल गांधी ने स्पष्ट रूप से यह कहा है कि यदि उनकी सरकार बनी तो इस योजना को समाप्त किया जाएगा.
‘एक देश-एक चुनाव’ को लेकर सवाल किए जाने पर बीरेंद्र सिंह ने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि देश में सभी चुनाव एक साथ होंगे और खर्चा कम होगा. इसका मतलब है कि एक ही पार्टी होगी और लोग उसी पार्टी को वोट देंगे.
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पीएसके/एकेजे