धर्म के नाम पर लोगों को बांट रही भाजपा : शर्मिला

बापट्ला (आंध्र प्रदेश), 23 अप्रैल . कांग्रेस की आंध्र प्रदेश इकाई की अध्यक्ष वाई.एस. शर्मिला रेड्डी ने मंगलवार को भाजपा पर धर्म के नाम पर लोगों को बांटने का आरोप लगाया.

भाजपा को देश के लिए बड़ा खतरा बताते हुए उन्होंने ऐसी पार्टी के साथ मेलजोल रखने के लिए मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी और टीडीपी अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू की आलोचना की.

एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए शर्मिला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस आरोप की आलोचना की कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो महिलाओं के मंगलसूत्र सुरक्षित नहीं रहेंगे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पद पर बैठे व्यक्ति के लिए लोगों के बीच विभाजन पैदा करने वाले बयान देना अशोभनीय है.

शर्मिला ने कहा कि जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी प्यार फैलाने की बात कर रहे हैं, तो पीएम मोदी विभाजन पैदा करने वाले बोल बोल रहे हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री को अपने विकास कार्यों के आधार पर वोट मांगने की चुनौती दी.

उन्होंने भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के लिए अपने भाई जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआर कांग्रेस पार्टी सरकार पर भी हमला बोला.

यह दावा करते हुए कि 10 वर्षों में, टीडीपी और बाद में वाईएसआरसीपी ने राज्य को नष्ट कर दिया. उन्होंने कहा, “कुछ भी नहीं बचा है. उन्होंने आंध्र प्रदेश को बिना राजधानी के राज्य में बदल दिया.”

शर्मिला ने कहा कि पिछले 10 साल में दोनों दल विशेष श्रेणी के दर्जे के लिए लड़ने में विफल रहे, जो राज्य का अधिकार है. यदि विशेष दर्जा दिया गया होता, तो पिछले 10 साल में भारी विकास हुआ होता.

उन्होंने टिप्पणी की कि जगन मोहन रेड्डी और चंद्रबाबू नायडू दोनों विशेष दर्जे को लेकर ईमानदार नहीं हैं. उन्होंने विशेष दर्जे के वादे पर लोगों को धोखा देने के लिए भाजपा को भी आड़े हाथों लिया.

उन्होंने कहा, “जगन शेर नहीं बल्कि बिल्ली हैं. उन्होंने राज्य के विकास को नजरअंदाज किया और भाजपा से हाथ मिला लिया.”

उन्होंने आरोप लगाया कि जगन मोहन रेड्डी पिछले पांच साल में एक भी वादा पूरा करने में विफल रहे. उन्होंने 2.25 लाख नौकरियों का वादा करने के बाद लोगों को धोखा दिया. पिछले पांच साल में उन्होंने वहां “रहने के लिए किले बनाए” लेकिन लोगों की समस्याओं का समाधान करने की कभी परवाह नहीं की.

उन्होंने कहा कि जगन मोहन रेड्डी अपने घोषणापत्र को पवित्र ग्रंथ कहते हैं लेकिन वह पूर्ण शराबबंदी की समस्याओं को लागू करने में विफल रहे. उन्होंने पूछा, “सरकार नकली शराब बेच कर लोगों की जान से खिलवाड़ क्यों कर रही है.”

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