गुरुग्राम, 23 जून . हरियाणा में ओबीसी वर्ग के कल्याण और युवाओं को सरकारी नौकरियों में बड़ा लाभ देने के लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह ने घोषणाओं का पिटारा खोल दिया.
उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि हरियाणा में पहले नौकरियों में पिछड़े वर्गों के आरक्षण के अंदर, क्रीमीलेयर की वार्षिक आय 6 लाख रुपये थी. अब प्रदेश सरकार की नौकरियों में क्रीमीलेयर बढ़ाकर 8 लाख रुपये वार्षिक की जाएगी. भारत सरकार की तर्ज पर इसमें वेतन और कृषि से आय को शामिल नहीं किया जाएगा, इससे लाखों लोगों को लाभ होगा.
उन्होंने यह भी घोषणा की कि ग्रुप-ए और ग्रुप-बी के पदों में पिछड़े वर्गों का आरक्षण 15 प्रतिशत है. इसे केंद्र सरकार की तर्ज पर 15 प्रतिशत से बढ़ाकर सभी पिछड़े वर्गों के लिए 27 प्रतिशत किया जाएगा. इसके अलावा, नौकरियों में पिछड़ा वर्ग-ए और बी के बैकलॉग को प्राथमिकता के आधार पर भरा जाएगा. इसके लिए विशेष भर्ती अभियान चलाने की तैयारी की जा रही है. उन्होंने ओबीसी वर्ग के युवाओं को रोजगार सहज ढंग से मिले, इसके लिए हरियाणा कौशल रोजगार निगम में भी नियुक्ति के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही.
गुरुग्राम में ओबीसी मोर्चा सर्व समाज समरसता सम्मेलन में रविवार को बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि ओबीसी समाज के हितों की रक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरी तरह सजग हैं. ओबीसी वर्ग के लोगों को उनके अधिकारों से वंचित नहीं रखा जा रहा और केंद्र व प्रदेश सरकार निरंतर योजनाओं को क्रियान्वित करते हुए ओबीसी वर्ग को पूरा मान-सम्मान देने का काम कर रही है.
उन्होंने कहा कि 10 सालों में हरियाणा प्रदेश में ओबीसी समाज को हर स्तर पर लाभ पहुंचाने में सरकार ने अपना दायित्व निभाया है. प्रधानमंत्री मोदी की सोच ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के साथ योजनाओं से समाज के अंतिम व्यक्ति तक को जोड़ने का काम करते हुए लोगों को सशक्त बनाया है. केंद्र ने न केवल ओबीसी वर्ग, बल्कि देश के पिछड़े इलाकों को आकांक्षी जिला घोषित कर सर्वांगीण विकास की दिशा में सार्थक कदम बढ़ाए हैं. हरियाणा का नूंह जिला केंद्र सरकार की आकांक्षी योजना में शामिल किया गया है, इसके तहत वहां निरंतर विकास योजनाएं दी जा रही हैं.
मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा सरकार ओबीसी समाज के बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए 12,000 से 20,000 रुपए तक छात्रवृत्ति प्रदान कर रही है. ओबीसी वर्ग के कौशल विकास पर भी सरकार पूरा फोकस कर रही है. प्रधानमंत्री मोदी ने ‘भगवान विश्वकर्मा योजना’ के तहत समाज के लोगों के लिए 18 ट्रेड में प्रशिक्षण देने के लिए 13,000 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया है. इस योजना के तहत ओबीसी वर्ग के लोग अपारंपरिक कार्यों में आगे बढ़ सकें, इसके लिए भी योजना चलाई है.
उन्होंने बताया कि योजना के तहत प्रशिक्षण के दौरान ओबीसी वर्ग के लोगों को 500 रुपए प्रतिदिन की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है. कोर्स पूरा होने के बाद 15,000 रुपए की किट भी प्रशिक्षणार्थियों को दिए जाने का प्रावधान है. केंद्र और प्रदेश सरकार ने दस साल के कार्यकाल में जितना लाभ ओबीसी वर्ग को दिया है, उतना पूर्व की विपक्ष की सरकार ने कभी भी नहीं दिया. प्रदेश सरकार ने दस साल के कार्यकाल में ओबीसी वर्ग को पूरा मान-सम्मान देते हुए हर वर्ग के उत्थान में अहम भूमिका निभाई है.
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एबीएम/