नई दिल्ली, 25 मार्च . दिल्ली विधानसभा में आज भारतीय जनता पार्टी सरकार अपना पहला बजट पेश करेगी, जो 26 साल के बाद एक ऐतिहासिक क्षण होगा. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता दिल्ली विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश करेंगी.
यह बजट भाजपा के चुनावी घोषणापत्र और दिल्ली की जनता से किए गए वादों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है. दिल्ली में भाजपा की सरकार के आने के बाद यह पहला बजट है, और इस पर सभी की नजरें टिकी हैं. इस बजट में कई बड़े बदलाव और योजनाओं का ऐलान हो सकता है, जो दिल्लीवासियों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं.
दिल्ली विधानसभा का पांच दिवसीय बजट सत्र सोमवार से शुरू हुआ था. इस सत्र की शुरुआत सोमवार को खीर समारोह से हुई, जिसमें मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सदन में सभी का स्वागत किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा 27 साल बाद दिल्ली का बजट पेश कर रही है.
उन्होंने इसे भगवान राम के अयोध्या लौटने के बाद के घटनाक्रम से जोड़ते हुए कहा कि जिस तरह भगवान राम 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे, उसी तरह भाजपा 27 साल बाद दिल्ली में लौट रही है. मुख्यमंत्री गुप्ता ने सत्र के पहले दिन नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट भी पेश की, जिसमें दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की वित्तीय स्थिति को लेकर चिंता जताई गई है.
सीएजी की रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले छह वर्षों में डीटीसी का घाटा 35,000 करोड़ रुपये बढ़ चुका है. 2015-16 में डीटीसी का घाटा 25,300 करोड़ रुपये था, जो 2021-22 तक बढ़कर 60,750 करोड़ रुपये हो गया है.
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद विपक्ष ने तीखी आलोचना की और सदन में सभी 14 सीएजी रिपोर्ट एक साथ पेश करने की मांग की, जिसके बाद विपक्षी सदस्य वॉकआउट कर गए. डीटीसी के घाटे के बढ़ने के बाद विपक्ष ने सरकार से इस पर जवाब मांगा और इस मुद्दे पर सख्त सवाल उठाए.
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पीएसएम/केआर